हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ( CM Sukhwinder Singh Sukhu) के नेतृत्व में चल रही सरकार हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य (Green Energy State) बनाने की दिशा में काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि साल 2025 तक हिमाचल प्रदेश देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनने का कीर्तिमान स्थापित करेगा. सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाने भी शुरू कर दिए हैं. हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद शुरू कर दी है.


बड़े पैमाने पर स्थापित होंगे चार्जिंग स्टेशन


परिवहन विभाग ने अधिकारियों के लिए 19 इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद की है. इसमें 11 गाड़ियां शिमला स्थित आरटीओ ऑफिस पहुंच चुकी हैं. अन्य गाड़ियां आने वाले तीन-चार दिन में पहुंच जाएंगी. इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत 15 लाख से शुरू होकर दो करोड़ तक है. अधिकारियों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बेस मॉडल खरीदा गया है. सरकार ने सभी आरटीओ कार्यालय में भी चार्जिंग स्टेशन लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मुख्य पार्किंग में भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाने हैं. इसे लेकर भी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.


हिमाचल में बढ़ेगी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद


हिमाचल प्रदेश में रोजाना सरकारी गाड़ियों के इस्तेमाल में डेढ़ करोड़ रुपये का डीजल खर्च आता है. सरकार इस खर्च को कम करने के साथ हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में काम कर रही है. सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों में एकमुश्त इन्वेस्ट कर डीजल का खर्च बचाने की नीति पर काम करेगी. शुरुआती तौर पर हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार बड़े स्तर पर इस योजना के ऐलान की तैयारी में है. इसके साथ ही सभी कैबिनेट मंत्रियों की गाड़ियों को भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ रिप्लेस किया जाना है.


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