Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. राज्य में कमाई का साधन जुटाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है. कैबिनेट सब कमेटी की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री कर रहे हैं. मंगलवार को सचिवालय में रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी की बैठक हुई.


हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए बैठक में फिजूलखर्ची रोकने पर सहमति बनी है. हिमाचल प्रदेश का हर नागरिक 1 लाख 16 हजार 180 रुपये का कर्जदार है. कर्ज की राशि अरुणाचल प्रदेश के बाद हिमाचल में सबसे ज्यादा है. बैठक में सरकारी खर्च को कम करने का फैसला हुआ है. सरकारी गाड़ियों के डीजल और पेट्रोल का खर्च भी कम होगा. कैबिनेट सब कमेटी के सदस्य और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के बजट का बड़ा हिस्सा लोन का किस्त और ब्याज चुकाने में जा रहा है.


आर्थिक सेहत सुधारने के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन


तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा, "प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सख्त निर्णय लेने की जरूरत पड़ सकती है. नि:शुल्क सेवाओं में कटौती का फैसला भी लिया जा सकता है. सरकार का स्ट्रक्चर पिरामिड की तरह होना चाहिए. फिलहाल इनवर्टेड पिरामिड की तरह बन चुका है."


उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में अफसर का युक्तिकरण भी मौजूदा वक्त की जरूरत है. विभाग में 10 अधिकारी होने पर जरूरत के हिसाब से संख्या कम जायेगी. उन्होंने कहा कि साल 2006 से 2022 के बीच 16 साल में क्लास- वन ऑफिसर की संख्या 62 फीसद बढ़ी है. 


हिमाचल प्रदेश को कर्ज के बोझ से निकालने में मिलेगी मदद 


उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में रिसोर्स मोबिलाइजेशन के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है. कैबिनेट सब कमेटी में कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी शामिल हैं. तत्कालीन वीरभद्र सरकार के दौरान भी कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई थी. विद्या स्टोक्स की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश और सुझाव को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार अब इस दिशा में आगे बढ़ रही है. उम्मीद है कि कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश लगातार बढ़ रहे आर्थिक बोझ को कम करने में मदद करेगी.


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