शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब सरकार अलग टीचर ट्रांसफर पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है. प्रदेश में ज्यादातर शिक्षक शहरी इलाकों में ही अपनी सेवाएं देना चाहते हैं. ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की भारी कमी रहती है. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार नई ट्रांसफर पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है.


जनजातीय इलाकों के लिए अलग पॉलिसी
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश में शिक्षक छात्र अनुपात का आंकड़ा देखा जा रहा है. जिस क्षेत्र में शिक्षकों की कमी है, वहां फोकस किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनजातीय इलाकों में शिक्षकों की संख्या कम हैं. ऐसे में इन इलाकों के लिए अलग से ट्रांसफर पॉलिसी बनाई जाएगी.


प्राथमिक-उच्च शिक्षा में 11 हजार पद खाली
शिक्षा मंत्री ठाकुर ने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार ने ट्रांसफर पॉलिसी लाने की बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन वो काम पूरा नहीं कर सके. मौजूदा वक्त में उच्च शिक्षा और प्रारंभिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 11 हजार पद खाली पड़े हुए हैं. जल्द ही इन पदों को भरने का काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने की ओर कांग्रेस सरकार काम करेगी.


सरकारी स्कूलों की तरफ बढ़ाएंगे रुझान
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने प्रदेश में गुणवत्ता शिक्षक शिक्षा पर जोर देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए क्वालिटी एजुकेशन बेहद जरूरी है. साथ ही उन्होंने एनटीटी और मल्टीटास्क वर्कर भर्ती प्रक्रिया को लेकर कहा कि पिछली सरकार में यह भर्तियां नहीं हो सकी. मौजूदा सरकार जानकारी लेने के बाद भर्तियों पर जल्द निर्णय लेगी. एनटीटी के साथ एसएमसी जैसे कई महत्वपूर्ण विषय हैं. इन्हें लेकर भी सरकार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूल से प्राइवेट स्कूल की तरफ बच्चों के अभिभावकों के रुझान की भी समस्या है. हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में बच्चों और उनके अभिभावकों का रुझान बढ़ाने का काम किया जाएगा.


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