Himachal News: दुबई में हिमाचल सरकार ने 7 कंपनियों के साथ साइन किए MoU, अब तक एक ने भी शुरू नहीं किया काम
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने दुबई में सात कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया. लेकिन, अब तक भूमि का आवंटन न होने की वजह से काम शुरू नहीं हो सका है.
Himachal Pradesh Industrial Development: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने अब तक हिमाचल प्रदेश में एक भी निवेशक बैठक का आयोजन नहीं किया है. राज्य सरकार ने मुंबई में एक मार्च, दो मार्च, 2023 और दुबई में 29 जनवरी, 2024 से लेकर एक फरवरी, 2024 तक दो निवेदक बैठकों में भाग लिया.
वहीं इन बैठकों में बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, फार्मा, स्वास्थ्य और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में निवेश के लिए 23 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुए हैं. हालांकि इनमें से अभी तक एक भी इकाई ने काम करना शुरू नहीं किया है, क्योंकि अभी तक किसी भी उद्यमी को भूमिका आवंटन नहीं हुआ है. यह जानकारी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्तापक्ष के सदस्य केवल सिंह पठानिया और सुधीर शर्मा की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में मिली. हिमाचल प्रदेश सरकार ने यह जानकारी अतारांकित प्रश्न संख्या 596 के जवाब में दी है.
2 हजार 265 करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मुंबई में साल 2023 में एक मार्च और दो मार्च को मुंबई फार्मा लाइव एक्सपो में कुल 16 कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया. अलग-अलग क्षेत्र में इससे 2 हजार 265 करोड़ रुपए का निवेश आने का अनुमान है. साथ ही इससे 3 हजार 310 लोगों को रोजगार भी मिलने की भी संभावना है. मुंबई फार्मा लाइव एक्सपो में साइन किए गए एमओयू में कैल्शियम टेबलेट उत्पादन, एपीआई यूनिट और फर्मेंटेशन प्रोजेक्ट मेडिकल डिवाइस यूनिट लगनी हैं. इनमें ज्यादातर कंपनियां हिमाचल जाकर एपीआई यूनिट ही स्थापित करेंगी.
दुबई से आएगा 2 हजार 645 करोड़ रुपए का निवेश
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश सरकार ने दुबई में सात कंपनियों के साथ एमओयू साइन किए हैं. इससे हिमाचल प्रदेश में 2 हजार 645 करोड़ रुपए का निवेश आना है. इससे प्रदेश में 3 हजार 478 लोगों को रोजगार मिलेगा. इनमें हॉस्पिटैलिटी, मेडिकल टूरिज्म, वॉटर क्लीनिंग, हेल्थ इंफ्रा, ग्रीन एनर्जी, आयुष, पीपीपी मोड में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल डिवाइस यूनिट की स्थापना प्रस्तावित है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने दुबई में यह सभी एमओयू 30-31 जनवरी को साइन किए हैं. भूमि आवंटन के बाद यह सभी निवेदक हिमाचल प्रदेश में काम करना शुरू करेंगे.
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