Himachal Pradesh News: नवरात्रि (Navratra) से पहले हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सरकार ने श्रद्धालुओं को बड़ी सौगात दी है. हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के साथ मिलकर प्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए एक नई शुरुआत की जा रही है. हिमाचल प्रदेश में परिवहन विभाग का जिम्मा संभाल रहे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने बताया कि सीधी बस सुविधा के जरिए श्रद्धालुओं को शक्तिपीठों (Shakti Peeth) के दर्शन करवाए जाएंगे. शुरुआती चरण में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर धर्मशाला (Dharmshala) से बस की शुरुआत होगी. यह बस भक्तों को चिंतपूर्णी (Chintpurni) के साथ ज्वालामुखी (Jwalamukhi) दर्शन के किए ले जाएगी. इसके बाद योजना का विस्तार भी होगा और अन्य मंदिरों को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा.


उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है. यहां चप्पे-चप्पे पर मंदिर हैं, जिनका ऐतिहासिक महत्व है. इसके अलावा यहां शक्तिपीठों में बड़ी संख्या में धार्मिक पर्यटन के लिए श्रद्धालु आते हैं. उन्होंने कहा कि अभी हिमाचल पथ परिवहन निगम की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की जा रही है. भविष्य में अन्य मंदिरों में भी इस सर्किट बस की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की ओर से हरिद्वार, वृंदावन, अयोध्या और खाटू श्याम जैसे धार्मिक स्थलों तक यात्रियों को ले जाने और वापस लाने वाली बसों की शुरुआत की जाएगी.



भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को लिखेंगे चिट्ठी 
वहीं, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस दौरान प्रदेश के पुरातन मंदिरों की बिगड़ती स्थिति को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को दो टूक शब्दों में संदेश दिया है. उन्होंने जिला लाहौल स्पीति के मृकुला माता मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्राचीन मंदिर बेहद भव्य है और पूरे देश के धार्मिक इतिहास को दीवारों पर उकेरे हुए हैं, लेकिन आज उसकी दशा बेहद खराब है. उन्होंने कहा कि ऐसे पुरातन मंदिरों के जीर्णोधार की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की है, लेकिन केवल मंदिरों को अपने अधीन कर लेने से यह हल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे और भी मंदिर हैं, जिसे लेकर वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को जल्द चिट्ठी भी लिखेंगे.


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