'नशा बेचने वालों को बेनकाब करना जरूरी', राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दिया गंभीर प्रयास का सुझाव
Himachal Pradesh News: हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि कुछ लोग समाज में रहकर ही नशा बेच रहे हैं. इन्हें बेनकाब करना जरूरी है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के प्रताप शुक्ल युवाओं में नशे के बढ़ते प्रचलन के खिलाफ लगातार काम करते हुए नजर आ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में राज्यपाल के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद से ही वह इस दिशा में काम कर रहे हैं. शिमला में मंगलवार को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए राज्यपाल से प्रताप शुक्ल ने कहा- "समाज में रहकर ही कुछ लोग नशा बेच रहे हैं. इन्हें बेनकाब करना बेहद जरूरी है. ऐसे लोग समाज को खराब करने का काम कर रहे हैं".
नशा खत्म के लिए गंभीर प्रयास जरूरी
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल शिमला के गेयटी थिएटर में सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला की ओर से आयोजित ‘हिमाचल में नशा सेवन की लत में वृद्धिः समस्या और समाधान’ विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे. इससे पहले राजभवन में एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा था कि कई नशा मुक्ति केंद्र में ही नशा बेचा जा रहा है. इस पर भी राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है.
भविष्य की पीढ़ी को नशे से बचाना जरूरी
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भविष्य की पीढ़ी को नशे से बचाना बेहद जरूरी है. नशे से बच्चों को दूर रखने के लिए पंचायत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. ऐसे में इस दिशा में काम किया जाना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि वह लगातार खुद भी इस दिशा में परासरत हैं और राज्य सरकार के साथ अन्य सामाजिक संगठनों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
उन्होंने स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों से भी आग्रह किया कि वे ऐसे असामाजिक तत्वों को बेनकाब करें और उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोशिश करें. उन्होंने कहा कि जब युवा संगठनों की ओर से सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे, तो आने वाली पीढ़ी को नशे की लत से बचाया जा सकता है.
नशे के खिलाफ जंग में पूर्ण सफलता का इंतजार
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है, लेकिन लोगों को भी इसके प्रति जागरूक होना होगा. उन्होंने सुझाव दिया है कि सरकार को अपने स्तर पर नशा निवारण केंद्र खोलने चाहिए. जब से वे हिमाचल के राज्यपाल बने हैं, तब से वे नशे के विरूद्ध काम कर रहे हैं. लेकिन उन्हें अभी तक पूरी तरह सफलता नहीं मिली है.
उन्होंने उम्मीद व्यक्त की है कि जब प्रदेश के लोग अपनी समृद्ध परंपराओं को फिर से स्थापित करेंगे, तभी हम नशे के खिलाफ इस लड़ाई को जीत पाएंगे. उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प से ही हम देवभूमि को नशामुक्त बना सकते हैं, क्योंकि इसका कारण और समाधान समाज में ही है.
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