Himachal Flood: कुदरती आपदा से प्रभावित PM मोदी के दूसरे घर को केंद्र से मिली कितनी मदद? सरकार ने जारी किया डेटा
भारी बारिश के मद्देनजर 22 राज्यों को 7532 करोड़ की राशि जारी की गई है. इसमें हिमाचल को 180.40 करोड़ रुपए की मदद मिली है. इस बार उपयोगिता प्रमाण-पत्र के बिना ही राज्यों को तत्काल सहायता जारी की गई है.
Himachal News: वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 22 राज्य सरकारों को संबंधित राज्य आपदा मोचन निधि (State Disaster Management Fund) के लिए 7 हजार 532 करोड़ रुपए जारी किए हैं. यह राशि गृह मंत्रालय की सिफारिशों के अनुसार जारी की गई है. देश में भारी बारिश को देखते हुए दिशा-निर्देशों में छूट दी गई है और पिछले वित्त वर्ष में राज्यों को दी गई राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र की प्रतीक्षा किए बिना राज्यों को तत्काल सहायता जारी की गई है. 7 हजार 532 करोड़ रुपए की राशि में भारी तबाही से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश को 180.40 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है.
4 हजार करोड़ का नुकसान
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते जगह-जगह से आपदा की तस्वीरें सामने आई. बकौल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने बताया है कि हिमाचल प्रदेश को करीब चार हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. नुकसान के आकलन के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी (Jagat Singh Negi) की अध्यक्षता में कमेटी का भी गठन किया गया है. यह कमेटी सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी कि आखिर प्रदेश में कितना नुकसान हुआ है? हालांकि हिमाचल प्रदेश आपदा प्राधिकरण के पास अभी जो आंकड़े मौजूद हैं, उनमें प्रदेश को 2108.37 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. भारी बारिश की वजह से अब तक 91 लोगों की जान जा चुकी है और 101 लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा प्रदेश में 636 घर पूरी तरह तबाह हो गए. वहीं, 1 हजार 128 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है. बारिश की वजह से 78 दुकानों के साथ 612 पशु घरों को नुकसान हुआ और 592 जानवरों की मौत हो गई.
क्या है राज्य आपदा मोचन निधि?
राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के सेक्शन 48 (1) (ए) के तहत हर राज्य में किया गया है. यह कोष अधिसूचित आपदाओं की अनुक्रिया के लिए राज्य सरकारों को उपलब्ध प्राथमिक कोष है. केंद्र सरकार सामान्य राज्य में एसडीआरएफ में 75 प्रतिशत और पूर्वोत्तर और हिमालय राज्यों में 90 प्रतिशत योगदान देती है. वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वार्षिक केंद्रीय योगदान दो समान किश्तों में जारी होता है. दिशा-निर्देशों के अनुसार पहली किश्त में जारी राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र के मिलने और एसडीआरएफ की गतिविधियों पर राज्य सरकार की रिपोर्ट प्राप्ति पर निधि जारी की जाती है, लेकिन इस बार तत्काल आवश्यकता को देखते हुए इन अपेक्षाओं को समाप्त कर दिया गया.
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