Dr. Dhaniram Shandil Statement on Emergency: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल (Dr. Dhaniram Shandil) ने कहा कि इमरजेंसी का काल, देश में अनुशासन का काल था. इमरजेंसी (Emergency) के दौरान सबकुछ अनुशासन में होता था. उन्होंने पत्रकारों से मुखातिब होने पर कहा कि भारतीय राजनीति के इतिहास में इमरजेंसी को अच्छा काल माना गया. इस दौरान दुकानों में रेट लिस्ट लगी रहती थी. इसके अलावा कर्मचारी और अधिकारी भी दफ्तर समय से पहुंचा करते थे. उस वक्त आज की तरह बायोमेट्रिक मशीन की सुविधा नहीं थी. बावजूद इसके सभी काम पाबंदी के साथ होते थे.
हिमाचल सरकार में मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान कुछ उपद्रवियों ने खेल खेलने शुरू किए. इसी वजह से उन्हें जेल में डाला गया. कुछ लोगों ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी की आड़ में कुछ लोगों ने उल्टे-सीधे काम शुरू किए. इसी वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा. हिमाचल प्रदेश में इमरजेंसी के दौरान जेल गए लोगों को नेताओं को पेंशन देना पैसे की बर्बादी है. इन नेताओं ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे इन्हें किसी पेंशन का हकदार माना जाए. इसके बदले विकास पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है.
बीजेपी का विकास पर ध्यान नहीं
डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. अगर कोई उनकी विधानसभा क्षेत्र में जाकर 500 रुपए से लेकर 5 हजार तक का काम दिखा देगा, तो उसे अपनी जेब में पड़े हुए सारे रुपए दे देंगे. स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल हिमाचल प्रदेश में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना बंद करने को लेकर उठाए जा रहे सवालों का जवाब दे रहे थे. 3 मार्च को ही मंत्रिमंडल की बैठक में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना के तहत इमरजेंसी में जेल गए नेताओं को मिलने वाली पेंशन को बंद करने का फैसला लिया है.
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