Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है. राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति लगातार खराब होती नजर आ रही है. इस बीच हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी सरकार को एक बड़ा झटका दिया है. एक मामले की सुनवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पेंडिंग एरियर का भुगतान करने की बात कही है.


दरअसल, शिमला स्थित राज्य सचिवालय में सेवानिवृत्ति सेक्शन ऑफिसर सुरेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.


मामले में 6 अगस्त को होनी है अगली सुनवाई


इस याचिका में लंबित एरियर दिए जाने की मांग उठाई गई है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को कहा कि सरकार के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं. ऐसे में उच्च न्यायालय ने कहा है कि वित्तीय स्थिति का संकट का तर्क मान्य नहीं है. अदालत ने राज्य सरकार को एरियर जारी करने के लिए तीन हफ्ते का वक्त भी दिया है. मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होनी है. 


कंटेंप्ट याचिका पर चल रही है सुनवाई


हिमाचल प्रदेश सचिवालय से रिटायर हुए सेक्शन ऑफिसर सुरेंद्र राणा वर्सेस गवर्नमेंट आफ हिमाचल प्रदेश के मामले में कंटेंप्ट याचिका पर सुनवाई चल रही है. इस सुनवाई के दौरान ही राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. प्रदेश में वित्तीय संकट लगातार गहरा रहा है.


इसी की वजह से एरियर का भुगतान संभव नहीं हो पा रहा. राज्य सरकार की ओर से डिप्टी एडवोकेट जनरल ने पक्ष अदालत में रखा, जिसे अदालत में खारिज कर दिया है.


19 सितंबर 2023 को आया था पहला आदेश


बता दें कि सुरेंद्र राणा ने इस मामले में याचिका दायर की हुई है. अदालत ने इस संबंध में पहला आदेश 19 सितंबर 2023 को दिया था. इस आदेश में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि याचिकाकर्ता को जनवरी, 2016 से लेकर 30 अप्रैल, 2018 तक का वेतन और पेंशन का एरियर दिया जाए.


यह एरियर छह फीसदी ब्याज राशि के साथ देने के लिए कहा गया था. राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों का पालना नहीं किया. इसके बाद से ही उच्च न्यायालय में कंटेंप्ट याचिका पर सुनवाई शुरू हुई. बता दें कि सेक्शन ऑफिसर सुरेंद्र राणा 30 अप्रैल, 2018 को सेवानिवृत हुए थे.


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