Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार के पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों बंद करने के आदेश दिए हैं. न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं. इन सभी 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने के लिए कहा गया है. 


हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अदालत के आदेश की अनुपालना करवाएंगे. वे इन आदेशों की अनुपालना के लिए निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर राज्य सरकार को घेरने का मौका मिल गया है. बीजेपी इसे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की नाकामी करार दे रही है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसे पूर्व भारतीय जनता पार्टी सरकार की कारगुजारी बताया है.


कांग्रेस ने बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार


उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया और विधायक अजय सोलंकी ने बीजेपी पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला बीजेपी सरकार के फिजूलखर्ची का परिणाम है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार संपत्ति के रखरखाव के लिए जरूरी कर्मचारी ही परिसर में रखे जाएंगे और अतिरिक्त कर्मचारियों को राज्य के अन्य पर्यटन होटलों में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्होंने पिछली बीजेपी सरकार पर पर्यटन निगम की संपत्तियों के रखरखाव में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पर्यटन होटलों का जमकर दुरुपयोग किया.


बीजेपी सरकार के दौरान HPTDC को होता रहा नुकसान


कांग्रेस का तर्क है कि बीजेपी सरकार के दौरान ही कर्ज बढ़ता गया, जिससे एचपीटीडीसी घाटे में चला गया और बीजेपी सरकार ने पर्यटन होटलों के छोटे-मोटे जीर्णोद्धार की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. यहां तक कि उनके कार्यकाल के दौरान सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनका बकाया का भुगतान भी नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की फिजूलखर्ची और निगम के करोड़ों रुपये के बिलों का भुगतान नहीं हो पाने की वजह से निगम को घाटा उठाना पड़ा है. इसकी वजह से ही होटल चलाना और कर्मचारियों को उनका वेतन देना भी मुश्किल हो गया था. भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान निगम के होटलों को नुकसान होता रहा.


हिमाचल हाईकोर्ट ने दिए होटल बंद करने के आदेश


बता दें कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने मंगलवार को हिमाचल पर्यटन विकास निगम के 18 होटल को बंद करने के आदेश जारी किए. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा है कि पर्यटन विकास निगम अपनी संपत्तियों से लाभ नहीं कमा पा रहा है. अदालत ने कहा कि इन होटलों के प्रबंधन और रखरखाव पर एक तरह से फिजूलखर्ची हो रही है. जब इनमें लगातार ऑक्यूपेंसी कम है, तो इन्हें चलाने का क्या लाभ है? अदालत ने इन्हें सफेद हाथी तक करार दिया है.


हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के इसी फैसले के बाद अब कांग्रेस बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने इससे पहले सोमवार को ही हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने की भी आदेश जारी किए थे.