Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अब अगर को छात्र नकल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई  की जाएगी. अब जो भी छात्र नकल करते हुए पकड़ा जाएगा वो तीन साल तक कोई प्रतियोगी परीक्षा नहीं दे पाएगा. इस संबंध में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने अधिसूचना जारी की है.


लोक  सेवा आयोग कानूनी दायरे में
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (Himachal Pradesh Public Service Commission) की ओर से आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं को कानूनी दायरे में लाया गया है. दरअसल सरकार ने हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया था. इस आयोग द्वारा की गई भर्तियों में गड़बड़िया सामने आई थीं. इसी से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार राज्य लोक  सेवा आयोग को कानूनी दायरे में लेकर आई है.


मंत्रीमंडल की  बैठक में लिया गया फैसला
ऐसा इसिलिए किया गया है लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में योग्य और पात्र उमीदवारों के चयन में निष्पक्षता ओर पारदर्शिता बरती जा सके. इसी को देखते हुए सरकार ने इस महीने के शुरू में हुई मंत्रीमंडल की  बैठक में राज्य लोक सेवा आयोग, हिमाचल प्रदेश यूनीवर्सिटी और बोर्ड या अन्य दूसरी परीक्षाओं में नकल की रोकथाम के लिए इसे कदाचार अधिनियम 1984 के तहत लाने का फैसला किया गया. अभी तक राज्य लोक सेवा 1984 के अधिनियम के अधीन नहीं था. बता दें हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग राज्य में होने वाली सिविल सेवा की नियुक्तियों के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है.


दीगर है कि राज्य में कांग्रेस सरकार आने के बाद सीएम सक्खु, परीक्षाओं में नकल को लेकर काफी सख्त हैं. उन्होंने अफसरों समेत शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि नकल के सख्सी ते निपटा जाए. उन्होंने कहा है कि नकल के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है.


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