Himachal Pradesh News:  हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के ट्रांसगिरी क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जा चुका है. हालांकि यह मामला फिलहाल हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई के चलते स्टे है. इस बीच ट्रांसगिरी क्षेत्र के लोग अपने अधिकार के लिए अब भी वंचित हैं.


इस बीच हाटी विकास मंच के प्रतिनिधिमंडल ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता अनूप रतन से मुलाकात की और इस केस के स्टेटस के बारे में जानकारी हासिल की. इस मामले में अगली सुनवाई 21 नवंबर को होनी है.


उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का निशाना


इस दौरान उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा की हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने को लेकर सरकार का पक्ष बिलकुल स्पष्ट है. प्रदेश में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने के मामले में केंद्र सरकार की अधिसूचना की वजह से असमंजस हुई थी. केंद्र सरकार की ओर से जैसे ही स्पष्टीकरण आया, उसके 24 घंटे के भीतर हिमाचल प्रदेश सरकार ने  लागू कर दिया.


उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे मुद्दे को हाईजैक करने की कोशिश की, लेकिन जनता ने उनका साथ नहीं दिया.


जनता ने बीजेपी को नकारा- हर्षवर्धन चौहान


हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सिरमौर में शिलाई और रेणुका विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को जीत मिली. इसके अलावा एक तीसरा इलाका जहां हाटी समुदाय के लोग आते हैं, वहां पच्छाद विधानसभा क्षेत्र है. यहां राजगढ़ में हाटी समुदाय से संबंधित लोग रहते हैं. यहां भी कांग्रेस की हार इसलिए हुई, क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस के बागी उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा था. उन्होंने कहा कि जनता ने इस पूरे मामले पर बीजेपी का नहीं, बल्कि कांग्रेस का साथ दिया.


केंद्रीय हाटी संघर्ष समिति पर भी निशाना


उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने केंद्रीय हाटी संघर्ष समिति पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय हाटी संघर्ष समिति बीजेपी की पिट्ठू बनी हुई है. वह सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ने के लिए गरीब लोगों से पैसा एकत्रित कर रहे हैं, जबकि वह हाईकोर्ट से ही स्टे नहीं हटवा सके हैं.


उन्होंने कहा कि उन्होंने बार-बार केंद्रीय हाटी समिति को कहा कि अगर किसी तरह की आर्थिक मदद की जरूरत है, तो वे खुद इसके लिए तैयार हैं. गरीब लोगों से पैसा एकत्रित न किया जाए.


राज्य सरकार से मजबूती से रख रही पक्ष


वहीं, हाटी विकास मंच से मुलाकात के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा कि राज्य सरकार इस पूरे मामले को मजबूती से लड़ रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इस पूरे मामले में जल्द से जल्द कोर्ट की ओर से राहत दिलवाने की कोशिश की जा रही है.


अनूप रतन ने बताया कि मामले में अगली सुनवाई 21 नवंबर को होनी है. उन्होंने कहा कि वह न्यायालय से दरख्वास्त करेंगे कि 21 नवंबर से पहले ही इस मामले को सुना जाए. वे इसके लिए भी प्रयासरत हैं.


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