(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'तानाशाही के भरोसे सरकार...', जयराम ठाकुर ने CM सुक्खू को क्यों दी ये सलाह?
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में कर्ज का मुद्दा सियासी रंग ले चुका है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
Himachal Pradesh Politics: मानसून सत्र के बीच हिमाचल प्रदेश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. राज्य की आर्थिक बदहाली का मुद्दा सुर्खियों में है. इस बीच नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने कर्मचारियों की भविष्य निधि (GPF) को भी गिरवी रख दिया है. उन्होंने कहा, "जीपीएफ को गिरवी रखकर कर्ज लिया जा रहा है. कर्मचारियों के बचत की राशि सरकार गिरवी रख रही है."
जयराम ठाकुर ने कहा कि 18 महीने में सुक्खू सरकार 24 हजार करोड़ करोड़ का लोन ले चुकी है. साल के अंत तक प्रदेश की सरकार पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ हो जाएगा. उन्होंने कहा, "सत्ता की बागडोर संभालने के बाद से कांग्रेस सरकार कर्ज लेने का काम कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कर्ज लेने के सभी रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं.
पूर्व सीएम ने कहा कि कर्ज लेने के बावजूद राज्य में विकास की रफ्तार थम चुकी है. विकास की जगह राज्य को पीछे की तरफ धकेला जा रहा है." उन्होंने कहा कि आज हर वर्ग सरकार से परेशान है. कर्मचारी भी सड़कों पर उतरकर मोर्चा खोले हुए है.
जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू किसी की बात नहीं सुनते हैं. नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को तानाशाह करार दिया. उन्होंने कहा कि तानाशाही के भरोसे सरकार नहीं चलाई जा सकती.
'वेतन और भत्ते में देरी सरकार का है दिखावा'
जयराम ठाकुर ने कहा कि मंत्रियों के साथ मुख्य संसदीय सचिवों का वेतन और भत्ते में देरी मुख्यमंत्री का दिखावा है. मुख्य संसदीय सचिवों की असंवैधानिक नियुक्ति को बचाने के लिए छह करोड़ से ज्यादा दिल्ली में वकीलों पर खर्च किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोहरा रवैया अपनाए हुए है. मुख्य संसदीय सचिवों को कोठी, गाड़ी और सहयोगी जैसी सुख सुविधा मिली हुई है. उन्होंने कहा कि वेतन और भत्ते में देरी बहानेबाजी है. बहाना कर्मचारियों का लंबित डीए और एरियर भुगतान से बचने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले दिनों में कर्मचारियों को वेतन देने पर भी असमर्थता जता सकती है.
GPF के अगेंस्ट 2 हजार 810 करोड़ का लोन
बता दें कि सुक्खू सरकार ने जीपीएफ के अगेंस्ट पहली जनवरी 2023 से 31 जुलाई 2024 तक 2 हजार 810 करोड़ रुपये का लोन लिया है. विधानसभा में विपक्ष के सदस्य सुधीर शर्मा ने अतारांकित सवाल पूछा था. जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन को जानकारी दी. हिमाचल सरकार ने 15 दिसंबर 2022 से लेकर 31 जुलाई 2024 तक कुल 21 हजार 366 करोड़ का कर्ज लिया है. हालांकि 5 हजार 864 करोड़ का कर्ज वापस भी किया गया है. कुल शुद्ध कर्ज का आंकड़ा 15 हजार 502 करोड़ रुपये बनता है. इस अवधि में कुल 21 हजार 366 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया.
वित्त वर्ष 2022-2023 में आखिरी तिमाही यानी 15 दिसंबर 2022 से लेकर 31 मार्च 2023 तक 6 हजार 897 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया. इस अवधि में 1 हजार 097 करोड़ रुपये का कर्ज वापस भी किया गया. वित्त वर्ष 2023-24 में पहली अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक कुल 10 हजार 521 करोड़ रुपये का लोन सरकार ने लिया. इस दौरान 3 हजार 481 रुपये कर्ज की वापसी भी हुई. वित्त वर्ष 2024-25 में पहली अप्रैल 2024 से लेकर 31 जुलाई 2024 तक 3 हजार 948 करोड़ रुपये लोन लिया गया और 1 हजार 286 करोड़ की कर्ज वापसी की गयी.
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