Himachal Pradesh News: कसुम्पटी को 50 साल के इतिहास में अब तक कोई मंत्री नहीं दे सकी कांग्रेस, इस बार खत्म होगा सूखा?
Kasumpti News: हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के इंतजार के बीच इस बार कसुम्पटी क्षेत्र के लोगों को मंत्री पद मिलने की उम्मीद जगी है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अनिरुद्ध सिंह ने जीत की हैट्रिक लगाई.
Himachal Pradesh Cabinet Expansion: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लोगों का जनादेश मिला है. 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने पद व गोपनीयता की शपथ ली. प्रदेश की जनता को अब भी मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार है. इस बीच सभी की निगाहें जिला शिमला पर टिकी हुई हैं. यहां कांग्रेस ने कुल आठ में से सात सीट पर जीत हासिल की है. इन सात विधायकों में पांच विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. राजधानी शिमला ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति को कई सियासी दिग्गज दिए हैं.
कसुम्पटी के इलाके के लोगों को मंत्री पद का इंतजार
हिमाचल कांग्रेस के इतिहास में अब तक रहे तीन मुख्यमंत्रियों में से दो मुख्यमंत्री जिला शिमला से ही संबंध रखते हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि आठ बार विधायक को जिता कर विधानसभा पहुंचाने वाले कसुम्पटी इलाके के लोगों को अब तक कांग्रेस मंत्री पद नहीं दे सकी है. इस सीट से आखिरी बार साल 1998 में बीजेपी के रूप दास कश्यप शहरी विकास मंत्री बने थे.
कसुम्पटी के लोगों को सूखा खत्म होने की आस
मंत्रिमंडल के इंतजार के बीच इस बार कसुम्पटी क्षेत्र के लोगों को मंत्री पद मिलने की उम्मीद जगी है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अनिरुद्ध सिंह ने जीत की हैट्रिक लगाई. अनिरुद्ध सिंह की यह जीत कई मायनों में अहम है. क्योंकि उनका सीधा मुकाबला हिमाचल बीजेपी के कद्दावर नेता सुरेश भारद्वाज से था. खास बात यह भी रही कि सुरेश भारद्वाज के प्रचार के लिए खुद बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले देश के गृह मंत्री अमित शाह प्रचार के लिए उतरे थे. इसी इलाके में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने रोड शो भी किया था. बावजूद इसके अनिरुद्ध सिंह ने 8 हजार 655 वोटों से जीत हासिल की.
कांग्रेस ने हर क्षेत्र को दिया है प्रतिनिधित्व
हिमाचल प्रदेश की राजनीति के इतिहास में कांग्रेस ने जिला शिमला की हर सीट को प्रतिनिधित्व देने का काम किया. रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र से वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री रहे. जुब्बल-कोटखाई सीट से रामलाल ठाकुर भी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. इसी सीट से ठाकुर रामलाल के पोते रोहित ठाकुर जीतकर चीफ पार्लियामेंट्री सेक्रेट्री बने. रामपुर से सिंघी राम, ठियोग से विद्या स्टोक्स, चौपाल से रामचंद्र कैबिनेट मंत्री रहे हैं.
क्या खत्म होगा कसुम्पटी का सूखा?
इसके अलावा पुनर्सीमांकन से पहले शिमला ग्रामीण से जेबीएल खाची और विद्या स्टोक्स कैबिनेट मंत्री के तौर पर इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र में वीरभद्र सिंह का निजी आवास है. ऐसे में अब कांग्रेस सरकार से कसुम्पटी की जनता को आस है. यह आस इसलिए भी मजबूत है क्योंकि अनिरुद्ध सिंह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद करीबी माने जाते हैं. देखना दिलचस्प रहेगा कि लोगों की आशा के अनुरूप कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र का सूखा खत्म होता है या नहीं.