Himachal Pradesh Landslide: हिमाचल प्रदेश के शिमला (Shimla) जिले के गुम्मा क्षेत्र में मंजू डाबरी के पास बुधवार रात खनन के दौरान हुए भूस्खलन में दो श्रमिक मलबे में दब गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. हिमाचल प्रदेश राज्य आपात अभियान केंद्र द्वारा गुरुवार रात को दी गई जानकारी के अनुसार दोनों मृतक श्रमिकों की पहचान नेपाल के नागरिक गोपाल (24) और चंबा जिले के विशाल (26) के रूप में हुई है. अधिकारियों ने कहा कि श्रमिकों के परिजनों को अंतरिम राहत दी गई है
वहीं अगर हम आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों की बात करें तो, हिमाचल प्रदेश में साल 2020 में भूस्खलन के महज 16 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2022 में ये मामले बढ़कर 117 हो गए. विभाग के मुताबिक, राज्य में 17,120 भूस्खलन संभावित स्थल हैं, जिनमें से 675 स्थल महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों और बस्तियों के पास हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ी ढलानों या तलहटी में चट्टानों के कटाव के साथ तेज बारिश भूस्खलन के कारणों की प्रमुख वजह है. वहीं बीते तीन साल में प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदाओं से 5 हजार 012 लोग अब तक अपनी जान गवां चुके हैं. इसके साथ ही पिछले साल राज्य में भूस्खलन के 117 मामलों में कुल्लू सबसे अधिक प्रभावित रहा.
CM सुक्खू ने भूस्खलन को लेकर कही थी ये बात
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल में कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राज्य में सड़कों के विस्तार के कारण होने वाले भूस्खलन को कम करने की कोशिश की जाएगी. साथ ही उन्हें रोकने के उपायों पर सुझाव के लिए अवधारणा पत्र पेश करेगा और जरूरी उपायों पर 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं, नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, इसरो द्वारा तैयार किए गए लैंडस्लाइड एटलस ऑफ इंडिया के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिले भूस्खलन के लिए अतिसंवेदनशील हैं.