Himachal Pradesh Lok Sabha Election 2024: हिमाचल प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में लोकसभा के चुनाव होने हैं. प्रदेश में सभी चार सीटों पर 1 जून को चुनाव होंगे. हिमाचल प्रदेश की शिमला संसदीय सीट भी बेहद अहम है. इस सीट पर साल 2009 से लेकर लगातार भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. साल 2009 से पहले यह सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ रही है.


इस बार कांग्रेस के सामने इस सीट को दोबारा वापस जीतने की चुनौती रहने वाली है. शिमला संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुरेश कश्यप और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के बीच मुख्य मुकाबला है. विनोद सुल्तानपुरी मौजूदा वक्त में कसौली से विधायक भी हैं. उनके पिता कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी साल 1980 से लेकर साल 1998 तक लगातार छह बार शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे.


कांग्रेस के मंत्रियों की 'लंबी फौज' पर जीत की जिम्मेदारी 


शिमला संसदीय क्षेत्र में मंत्रियों की लंबी फौज की बात करें, तो यहां से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में पांच कैबिनेट मंत्री हैं. इनमें डॉ. धनीराम शांडिल, हर्षवर्धन चौहान, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य शामिल हैं. इसके अलावा कोटखाई से संबंध रखने वाले मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार (कैबिनेट रैंक) नरेश चौहान भी शिमला सीट से ही संबंध रखते हैं.


शिमला संसदीय क्षेत्र में तीन मुख्य संसदीय सचिव 


शिमला संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय कुमार को सरकार ने विधानसभा उपाध्यक्ष भी बनाया है. इसी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस सरकार में तीन मुख्य संसदीय सचिव भी हैं. इनमें संजय अवस्थी, राम कुमार और मोहनलाल ब्राक्टा शामिल हैं. ऐसे में कांग्रेस की इस बड़ी फौज के सामने यह सीट वापस पाने की चुनौती रहने वाली है.


3.27 लाख के मार्जिन से जीते थे सुरेश कश्यप 


भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुरेश कश्यप साल 2019 में भी करीब 3 लाख 27 हजार वोट के बड़े मार्जिन से जीते थे. उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. धनीराम शांडिल को करारी शिकस्त दी थी. अब सुरेश कश्यप एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. वह करीब तीन साल तक हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. सुरेश कश्यप हिमाचल प्रदेश के सभी सांसदों में सबसे ज्यादा सांसद निधि खर्च करने वाले सांसद भी हैं.


सांसद निधि का 123 फीसदी यूटिलाइजेशन 


शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप ने सांसद निधि का 123 फीसदी यूटिलाइजेशन किया है. शिमला के सांसद सुरेश कश्यप ने 12.80 करोड़ रुपये अलग-अलग सांसद निधि विकास कार्यों के लिए रिकमेंड किए. सुरेश कश्यप की तरफ से जारी रकम में से 11.88 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. कश्यप के हिस्से 1.11 करोड़ रुपये की खर्च न की गई राशि भी है, जो सबसे कम है. ऐसे में सुरेश कश्यप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिमला में बीजेपी की जीत का चौका लगाने के लिए चुनावी रण में उतरे हैं.


शिमला संसदीय क्षेत्र में दलीय स्थिति


कांग्रेस- 13
बीजेपी- 03
निर्दलीय- 01
कुल- 17


शिमला संसदीय क्षेत्र में मतदाता


कुल मतदाता- 13,37,839
पुरुष मतदाता- 6,87,090
महिला मतदाता- 6,50,737
थर्ड जैंडर मतदाता- 12


साल 2019 लोकसभा चुनाव परिणाम


पार्टी       प्रत्याशी      वोट
बीजेपी- सुरेश कश्यप   6,06,183
कांग्रेस- धनीराम शांडिल  2,78,668
नोटा- 8,357


शिमला संसदीय क्षेत्र से कब कौन रहा सांसद


नाम         साल             पार्टी
टेक चंद   1952         कांग्रेस (अंबाला सीट)
एस.एन. रामनौल 1957 कांग्रेस (महासू सीट)
वाई.एस. परमार 1957 कांग्रेस (महासू सीट)
नेक राम नेगी 1957 कांग्रेस (महासू सीट)
वीरभद्र सिंह 1962 कांग्रेस (महासू सीट)
वीरभद्र सिंह 1967 कांग्रेस (महासू सीट)


साल 1967 में महासू सीट का नाम बदला. नाम बदलने में साथ ही शिमला संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भी हुआ.


प्रताप सिंह 1967 कांग्रेस
प्रताप सिंह 1971 कांग्रेस
बालक राम 1977 भारतीय लोक दल
के.डी. सुल्तानपुरी 1980 कांग्रेस
के.डी. सुल्तानपुरी 1984 कांग्रेस
के.डी. सुल्तानपुरी 1989 कांग्रेस
के.डी. सुल्तानपुरी 1991 कांग्रेस
के.डी. सुल्तानपुरी 1996 कांग्रेस
के.डी. सुल्तानपुरी 1998 कांग्रेस
डॉ. धनीराम शांडिल 1999 हिमाचल विकास कांग्रेस 
डॉ. धनीराम शांडिल 2004 कांग्रेस
वीरेंद्र कश्यप 2009 बीजेपी
वीरेंद्र कश्यप 2014 बीजेपी
सुरेश कश्यप 2019 बीजेपी


दिलचस्प होगा शिमला का चुनावी रण


साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का शिमला में बेहतरीन प्रदर्शन रहा. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा. शिमला संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली 17 विधानसभा सीटों में से सिर्फ तीन सीट पर ही बीजेपी को जीत मिली.


ऐसे में बीजेपी के लिए भी यह सीट मुश्किल है. हालांकि बीजेपी लोकसभा चुनाव को राज्य के मुद्दों पर न लड़कर राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ रही है. ऐसे में बीजेपी को इस बार भी जीत की उम्मीद है, लेकिन कांग्रेस भी विनोद सुल्तानपुरी को चुनावी मैदान में उतारकर जीत के लिए पूरा दम लगा रही है.


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