हिमाचल की इन दो सीटों पर आखिर क्यों अब तक कांग्रेस नहीं उतार पाई उम्मीदवार, कहां फंस रहा पेंच?
Himachal Lok Sabha Election: हिमाचल कांग्रेस ने कुल चार में से अब तक सिर्फ दो ही सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है. कांगड़ा और हमीरपुर सीट पर अब भी प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार है.
Himachal Lok Sabha Election 2024: हिमाचल प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में 1 जून को लोकसभा के चुनाव हैं. भारतीय जनता पार्टी ने चारों सीट पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस अब तक दो ही प्रत्याशियों की घोषणा कर सकी है. 13 अप्रैल की देर रात कांग्रेस ने मंडी और शिमला संसदीय क्षेत्र से अपने प्रत्याशियों की घोषणा की. अब भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार हो रहा है.
अनुराग ठाकुर के सामने बड़ा चेहरा ढूंढने की चुनौती
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीट को लेकर चर्चा हुई. दो सीट पर सहमति बनने के बाद टिकट की घोषणा हो गई, लेकिन दो सीटों पर अभी पेंच फंसा हुआ है. दरअसल, हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में से सतपाल रायजादा और कांगड़ा से पूर्व शिक्षा मंत्री आशा कुमारी को चुनाव लड़ने की चर्चा थी.
चुनाव केंद्रीय कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में अनुराग ठाकुर के सामने मजबूत चेहरे को चुनावी रण में उतरने की बात हुई, जबकि सतपाल रायजादा साल 2022 का विधानसभा चुनाव हारना भी उनकी टिकट के आड़े आ गया.
आशा कुमारी भी हारी थीं पिछला चुनाव
इसी तरह आशा कुमारी भी साल 2022 का विधानसभा चुनाव हारना टिकट की राह में रोड़ा बन गया. यहां यह जानना भी दिलचस्प है कि सतपाल रायजादा और आशा कुमारी ने टिकट के लिए अप्लाई नहीं किया है. मुख्यमंत्री सुखविंदिर सिंह सुक्खू ने तो ऊना में सतपाल रायजादा को खुले मंच से पार्टी का प्रत्याशी भी लगभग घोषित ही कर चुके थे, लेकिन अब सीट पर पेंच फंस गया है.
पांचवीं जीत के लिए चुनावी मैदान में हैं अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर न सिर्फ हिमाचल प्रदेश की राजनीति में बल्कि, देश की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं. ऐसे में यहां जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में एक बड़े चेहरे की खोज करने के लिए कहा गया है. लंबे वक्त से अनुराग ठाकुर यहां से चुनाव जीत रहे हैं.
साल 2008 में पहला उपचुनाव जीतने के बाद से अनुराग ठाकुर ने यहां लगातार साल 2009, साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. हर चुनाव में अनुराग ठाकुर की जीत का मार्जिन बड़ा ही हुआ है. ऐसे में कांग्रेस को यहां से एक मजबूत उम्मीदवार की जरूरत के साथ बड़ी चुनौती भी है.