चुनाव में चुनौती! कहीं 3 दिन तक पैदल सफर, कहीं 13 km दुर्गम रास्तों पर चलकर पहुंचेगी पोलिंग पार्टी
Himachal Lok Sabha Elections: हिमाचल में चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाना किसी चुनौती से कम नहीं. पोलिंग पार्टी को 13km पैदल सफर तय करना पड़ेगा. सिर्फ 183 वोटर्स के लिए ये सफर तय किया जाना है.
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Himachal Pradesh Loksabha Elections 2024: देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होना है. पहाड़ की विषम परिस्थितियों के बीच चुनाव आयोग के लिए यहां चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाना किसी चुनौती से काम नहीं रहने वाला है. इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.
हिमाचल प्रदेश के 7 हजार 990 पोलिंग बूथ पर मतदान करने के लिए 50 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की तैनाती की गई है. हिमाचल प्रदेश के दूरदराज जिला चंबा में दो ऐसे बूथ हैं, जहां पोलिंग पार्टी को 13 किलोमीटर का पैदल सफर कर बूथ पर पहुंचने की चुनौती होगी. भरमौर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले ऐहलमी बूथ पर पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को 13 किलोमीटर पैदल चलना होगा. यहां मतदाताओं की संख्या 183 है.
तय करना होगा 13 किलोमीटर का पैदल सफर
इसी तरह भटियात विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले चक्की बूथ पर पहुंचने के लिए भी पोलिंग पार्टी को 13 किलोमीटर का सफर पैदल चलकर तय करना होगा. यहां मतदाताओं की संख्या सिर्फ 135 है. इन दोनों ही पोलिंग बूथ से सड़क की दूरी 13 किलोमीटर है. यहां तक पैदल पहुंचना भी आसान नहीं, क्योंकि यहां रास्ता बेहद दुर्गम है.
बड़ा भंगाल तक पैदल पहुंचने में लगेंगे तीन दिन
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के तहत आने वाले बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र पर बड़ा भंगाल इलाका पड़ता है. बड़ा भंगाल पहुंचने के लिए यूं तो चुनाव आयोग की टीम हेलीकॉप्टर का सहारा लेती है, लेकिन अगर यहां हेलीकॉप्टर लैंडिंग के लिए स्थिति अनुकूल न हो तो पोलिंग पार्टी को तीन दिन पहले ही दुर्गम रास्तों से होकर यहां पहुंचना पड़ता है. बड़ा भंगाल तक का सफर पूरा करने के लिए तीन दिन की पैदल यात्रा करनी पड़ती है. बड़ा भंगाल में मतदाताओं की संख्या सिर्फ 65 है.
इस बूथ तक पहुंचने के लिए नहीं है सड़क
जिला कांगड़ा के ही तहत आने वाले फतेहपुर विधानसभा सीट पर स्थित के तहत आने वाले सथ कुठेडा पोलिंग बूथ पर पहुंचने के लिए मतदान कर्मियों को नांव का सहारा लेना पड़ता है. पौंग डैम में टापू पर स्थित इस मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए नांव ही एक मात्र साधन है. मतदान कर्मी नांव के जरिए करीब 5.5 किलोमीटर की दूरी तय कर इस मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं.
यहां मतदाताओं की संख्या 97 है. हिमाचल प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जिला लाहौल स्पीति में 15 हजार 256 फीट की ऊंचाई पर सिर्फ 52 मतदाताओं के लिए भी एक मतदान केंद्र तैयार किया गया है. यह विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर बना मतदान केंद्र है.
हर नागरिक को मिले वोट का समान अधिकार- गर्ग
हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग का कहना है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रदेश में हर नागरिक को वोट देने का समान अधिकार मिले, इसके लिए चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग भी काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि भले ही पोलिंग पार्टी के सामने कई तरह की परेशानी हों, लेकिन उनका बुलंद हौसला उनके साथ है.
ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग को हर चुनाव की तरह इस बार भी पूर्ण उम्मीद है कि चुनाव निष्पक्षता के साथ संपन्न होंगे. लोकतंत्र के महापर्व में हर मतदाता को वोट डालने का समान अवसर मिलेगा.
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