Himachal Pradesh Loksabha Results: हिमाचल प्रदेश की सभी चार लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की जीत हुई है. मंडी से कंगना रनौत, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, शिमला से सुरेश कश्यप और कांगड़ा से राजीव भारद्वाज ने जीत हासिल कर ली है. इस तरह भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में जीत की हैट्रिक लगा ली. इससे पहले साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने सभी चार लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी.
उपचुनाव में बीजेपी की हार
लोकसभा चुनाव से इतर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. हिमाचल प्रदेश के छह विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुए. इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ दो ही सीट पर जीत मिली. धर्मशाला से भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा और बड़सर से भाजपा प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल ने जीत हासिल की. कांग्रेस पार्टी को कुटलैहड़ से विवेक शर्मा, सुजानपुर से रणजीत सिंह राणा, लाहौल स्पीति से अनुराधा राणा, और गगरेट से राकेश कालिया के रूप में नए विधायक मिले हैं.
हिमाचल प्रदेश में छह सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम
कांग्रेस- 04 और BJP- 02
हिमाचल विधानसभा में कुल सदस्य- 68
हिमाचल विधानसभा का मौजूदा स्वरूप- 65 सदस्य
कांग्रेस 38, बीजेपी 27 और निर्दलीय- 00
छह महीने में होने हैं उपचुनाव
आने वाले छह महीने में हरियाणा विधानसभा के चुनाव के साथ हिमाचल की तीन सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं. हिमाचल प्रदेश में नालागढ़, देहरा और हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने हैं. तीनों निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे 3 जून को स्वीकार हो चुके हैं.
शिमला संसदीय क्षेत्र और मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस ने दो सिटिंग विधायकों को चुनावी मैदान में उतारा था. अगर दोनों प्रत्याशियों की जीत होती, तो कसौली और शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव होता. लेकिन, अब सिर्फ तीन ही विधानसभा क्षेत्र मेंउपचुनाव होगा.
सुक्खू सरकार की स्थिरता और सुरक्षा बढ़ी
हिमाचल प्रदेश में भले ही लोकसभा चुनाव के परिणाम में कांग्रेस को एक बार फिर झटका लगा हो, लेकिन राज्य में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बड़ी सफलता हासिल की है. चार सीट पर जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता और सुरक्षा बढ़ गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में ताबड़तोड़ रैलियां की और इसका असर चुनाव के परिणाम में भी नजर आया है. इसके अलावा विधानसभा उपचुनाव के परिणाम इस तरफ भी इशारा कर रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश की जनता ने दल बदल की राजनीति को स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया.
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