Himachal News: हिमाचल प्रदेश के शिमला में समर हिल के शिव मंदिर में सावन के आखिरी सोमवार के दिन भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई. यहां भगवान शिव के दर्शन करने आए 20 श्रद्धालुओं की जान चली गई. अब 11वें दिन बाद तक चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए सभी शवों की बरामदगी हो सकी है. घटना के 12वें दिन शिमला के शिव बावड़ी मंदिर में एक अद्भुत तस्वीर देखने को मिली है. जहां भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई, वहां भगवान शिव और उनके परिवार की स्थापित मूर्ति जस की तस है. भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान श्री गणेश की मूर्ति को खरोंच तक भी नहीं आई है.


मंदिर की सभी मूर्तियां सुरक्षित


अब इसे चमत्कार कहा जाए या फिर मात्र संयोग, लेकिन मंदिर में तस्वीर चौंका देने वाली है. यहां खिड़की के नजदीक स्थापित की गई छोटी-छोटी मूर्तियां को भी कोई असर नहीं पड़ा है. भूस्खलन की तीव्रता और प्रभाव इतना ज्यादा था कि यह बड़े-बड़े पेड़ों को अपने साथ बहाकर ले गया, लेकिन छोटी-छोटी मूर्तियां अपनी जगह से हिली तक नहीं हैं. सावन के आखिरी सोमवार के दिन हुई तबाही के बावजूद इलाके के लोगों की आस्था अब भी अपने भगवान शिव पर बरकरार है.






घटना ने दी कभी न भूला पाने वाली पीड़ा


14 अगस्त से लेकर 24 अगस्त तक चला सर्च ऑपरेशन अब खत्म हो चुका है और यहां लोगों की आवाजाही के लिए रास्ते की बहाली की जा रही है. मंदिर कमेटी ने फिलहाल निर्णय नहीं लिया है कि यहां दोबारा मंदिर निर्माण होगा या नहीं, लेकिन मंदिर कमेटी की ओर से यहां आने वाले दिनों में शुद्धि के लिए यज्ञ करवाया जाएगा. शिमला में हुए भारी भूस्खलन ने न केवल 20 लोगों की जान ली, बल्कि एक पेट में पल रहे सात महीने के बच्चे की भी जान चली गई, जिसने इस दुनिया को देखा तक नहीं था. शिव बावड़ी में मंजर अब भी डरा देने वाला है और यहां एक अजीब-सा सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा है. इलाके के लोगों के मन में खौफ है और अपनों को खोने की पीड़ा. पीड़ा भी ऐसी जो शायद जीवन भर साथ रहेगी


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