Himachal Monsoon Session: इन दिनों हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. मानसून सत्र की तीसरी बैठक में आपदा पर चर्चा हुई. चर्चा के दौरान सदन में एकमात्र महिला विधायक रीना कश्यप ने अपने इलाके की समस्या रखी. रीना कश्यप ने अपने वक्तव्य की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश के सभी राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए देश की आधी आबादी को उसका अधिकार देने के लिए धन्यवाद दिया.
सदन में प्राकृतिक आपदा पर चर्चा
हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा पर चर्चा के दौरान पच्छाद की विधायक रीना कश्यप ने कहा कि उनके इलाके में बारिश की वजह से नुकसान हुआ. रीना कश्यप ने अपने इलाके की जनता की समस्या को सरकार के सामने रखा. उन्होंने कहा कि आपदा में कई लोगों को अपने मकान गंवाने पड़े. इससे उनके जीवन भर की मेहनत पर पानी फिर गया. उन्होंने सरकार से संकट की इस घड़ी में प्रभावितों तक राहत पहुंचाने की मांग की.
महिलाओं के लिए यही है उनका सम्मान- रीना कश्यप
आपदा पर चर्चा के दौरान महिला विधायक रीना कश्यप नाराज भी नजर आई. उन्होंने कहा कि उन्हें सदन में बोलते हुए ऐसा लग रहा है कि जैसे उनकी कोई बात सुन नहीं रहा है. रीना कश्यप ने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं यूं ही चिल्ला रही हूं. दरअसल, रीना कश्यप इस बात पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रही थी कि उनके बोलते वक्त सदन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मौजूद नहीं थे.
रीना कश्यप ने सरकार से पूछा कि क्या यही महिलाओं के लिए उनका सम्मान है? बार-बार महिला विधायक के तौर पर उनके सम्मान की बात कही जाती है, लेकिन सरकार तो उनकी बात सुन ही नहीं रही. जिस वक्त रीना कश्यप सरकार के सामने अपनी नाराजगी रख रही थी, उस समय सदन में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद थे. विधायक रीना कश्यप ने कहा कि सरकार यूं तो सुख की सरकार होने का दावा कर रही है, लेकिन यह सरकार सुख की नहीं बल्कि दु:ख की सरकार है.
नेता प्रतिपक्ष ने किया रीना का समर्थन
रीना कश्यप ने कहा कि सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष उनकी बात सुन रहे हैं. इसके अलावा उनके बड़े भाई शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ही केवल उनकी बात सुनते हैं. रीना कश्यप ने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक महिला प्रधान को कारण बताओ नोटिस देने का मामला भी उजागर किया. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार महिला सम्मान की बात कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ उनके पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में महिला प्रधान को इसलिए नोटिस थमा दिया गया क्योंकि उन्होंने कार्यक्रम में सांसद और विधायक को बुलाया. इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी रीना कश्यप का साथ दिया और महिला प्रधान को नोटिस देने की बात को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. उन्होंने पूछा कि यदि कार्यक्रम में सांसद और विधायक आए, तो महिला प्रधान को नोटिस क्यों दिया गया? उन्होंने सरकार से इस बारे में जवाब मांगा.
सरकार की ओर से उद्योग मंत्री ने दिया जवाब
इस पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सरकार की ओर से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इस उद्घाटन के लिए सरकार से अनुमति नहीं ली गई. चुने हुए प्रतिनिधियों को कार्यक्रम में बुलाने से कोई आपत्ति नहीं थी. सांसद और विधायक चुने हुए प्रतिनिधि हैं, लेकिन इस कार्यक्रम में भाजपा नेता बलदेव भंडारी भी शामिल हुए और बलदेव भंडारी का नाम भी उद्घाटन की पट्टिका में लगाया गया. बलदेव भंडारी न तो किसी संवैधानिक पद पर हैं और न ही जनता के चुने हुए प्रतिनिधि. इसी वजह से जिला उपायुक्त ने महिला प्रधान को कारण बताओ नोटिस दिया है.
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