हिमाचल में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सदन में हंगामा, विधानसभा से विपक्ष ने किया वॉक आउट
Himachal Monsoon Session: मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की. स्पीकर की ओर से इसकी अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया.
Himachal Pradesh Monsoon Session: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे हुई. सत्र की शुरुआत में सबसे पहले विधानसभा के तीन पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त किया गया. शोकोद्गार के बाद प्रश्न काल शुरू हुआ.
प्रश्न काल शुरू होते ही विपक्ष ने नियम- 67 स्थगन प्रस्ताव के तहत बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की. इसे लेकर कई देर तक सदन में हंगामा होता रहा. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने जब नियम- 67 के तहत चर्चा स्वीकार करने से इनकार कर दिया, तो इस पर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया.
प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमराई- जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में आए दिन अपराध की घटना सामने आ रही है और राज्य सरकार इस पर रोक लगाने में पूरी तरह नाकाम है. जयराम ठाकुर ने कहा कि बीते दिन बद्दी में मारपीट का मामला सामने आया.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने नियम- 67 के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा मांगी. स्पीकर की ओर से इसकी अनुमति नहीं दी गई और इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया.@ABPNews #HimachalPradesh pic.twitter.com/Xdf31FjUiS
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) August 27, 2024
यहां 15 लोगों ने तीन युवकों की बेरहमी से पिटाई की. इसमें एक युवक की मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए. यही नहीं, बिलासपुर कोर्ट में ही फायरिंग हुई और यहां भी एक व्यक्ति घायल हुआ. इसमें पूर्व विधायक का बेटा शामिल था. जयराम ठाकुर ने कहा कि लगातार राज्य में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं और सरकार हाथ पैर हाथ धरे बैठी तमाशा देख रही है.
विपक्ष ने नाराज होकर किया वॉक आउट
जयराम ठाकुर ने सदन के बाहर मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि राज्य के पुलिस जवानों को जरूरी स्थान पर न लगाकर मुख्य संसदीय सचिवों और विधायकों को जेड प्लस सुरक्षा में लगाया गया है. यही नहीं, पुलिस मुख्यालय में 25 ऐसे अधिकारी हैं जिनके पास काम नहीं है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि जब उन्होंने यह मुद्दे सदन में उठाए, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्दी वाला मामला चिट्टे से संबंधित है. इस पर चर्चा देने से इनकार कर दिया गया. इससे लगता है कि मुख्यमंत्री प्रदेश की कानून व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं. सदन में इतना गंभीर मामला उठाया गया और इस पर चर्चा नहीं दी गई. इसी की वजह से विपक्ष को वॉक आउट करना पड़ा.
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