Himachal Monsoon: हिमाचल में मानसून कब देगा दस्तक? बीते साल की आपदा से हिमाचल सरकार ने लिया ये सबक!
Himachal Pradesh Monsoon: हिमाचल सरकार ने मानसून में जान-माल का नुकसान कम करने के लिए अहम फैसला लिया है. प्रदेश की पांच जिलों में एनडीआरएफ की छोटी टुकड़ी तैनात होगी.
Himachal Pradesh Monsoon Alert: हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मानसून दस्तक देने वाला है. बीते साल मानसून के दौरान हुई भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई थी. जहां एक तरफ सरकार को मानसून की बारिश से करीब 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. वहीं, 500 से ज्यादा लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. इस साल मानसून आने से पहले ही राज्य सरकार पूरी तरह तैयार नजर आ रही है.
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मानसून के दौरान होने वाली बारिश से जान-माल का नुकसान कम करने की दिशा में एक अहम फैसला लिया है. हिमाचल सरकार ने शिमला, चंबा सिरमौर, मंडी और कुल्लू में एनडीआरएफ की छोटी टुकड़ी स्थापित करने का फैसला लिया है. इसके लिए संबंधित जिला के उपायुक्तों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसे लेकर हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय में गुरुवार (13 जून) को अहम बैठक भी हुई.
मानसून सीजन में पहाड़ की कटाई पर प्रतिबंध
बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि नदी किनारे रह रहे प्रवासी मजदूरों को अन्य स्थानों पर बसाया जाएगा, ताकि जान-माल की हानि न हो. उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग को भी पर्याप्त खाद्य सामग्री का भंडारण करने के निर्देश दिए हैं. इससे आपदा की स्थिति में प्रभावित लोगों को अनाज की कमी नहीं होगी. इस बैठक में बांधों और नदियों में पानी का स्तर मापे जाने की ओर भी ध्यान दिया गया है.
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा के दौरान उपयोग की जाने वाली सामग्री के दाम में बढ़ोतरी न हो. हिमाचल प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि इस बार मानसून सीजन के दौरान पहाड़ों की कटाई पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा.
इस बार सामान्य रहेगा मानसून
वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि इस बार मानसून के सामान्य रहने का पूर्वानुमान है. मानसून हिमाचल प्रदेश में वक्त पर ही आएगा. प्रदेश में मानसून की एंट्री 24 जून के आसपास हो सकती है. गौर हो कि बीते मानसून के दौरान मौसम विज्ञान केंद्र ने भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया था, लेकिन राज्य सरकार और प्रशासन की इससे निपटने को लेकर कोई पुख्ता तैयारी नहीं थी.
हालांकि आपदा के बाद राज्य सरकार ने बेहतरीन के साथ काम किया और प्रभावितों तक राहत भी पहुंचाई. अब राज्य सरकार ने मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के साथ समन्वय स्थापित कर भारी बारिश के दौरान होने वाले नुकसान को काम करने की दिशा में कदम बढ़ाया है.
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