Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की अदालतों से मुकद्दमों का बोझ कम करने के लिए रविवार को लोक अदालतों का आयोजन किया गया. रविवार को आयोजित लोक अदालतों में 61 हजार 804 मामले निपटाए गए. इन लोक अदालतों के लिए कुल 4.26 लाख मामले चिन्हित किए गए थे. इनमें 1 लाख 13 हजार 670 मामलों पर सुनवाई हुई. लोक अदालतों में निपटाए गए. निपटाए गए 61 हजार से ज्यादा मामलों में 50 हजार 175 ऑनलाइन और 11 हजार 629 ऑफलाइन आवेदन वाले मामले थे. गौरतलब है कि प्रदेश भर में आयोजित की गई लोक अदालतों में 86 करोड़ रुपए का जुर्माना भी वसूला गया है.


न्यायपालिका से बोझ हुआ कम 


हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा के मुख्य संरक्षक और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ए.ए. सैयद और संरक्षक न्यायाधीश सबीना के मार्गदर्शन में रविवार को लोक अदालत का आयोजन किया गया था. लोक अदालत के जरिए लोगों के समय और धन दोनों की बचत होती है. इसके अलावा न्यायपालिका पर से भी कम होता है. रविवार को आयोजित ऐतिहासिक लोक अदालत से हुए त्वरित समाधान के जरिए लोगों को भी बड़ी राहत मिली. इससे पहले अगस्त 2022 में आयोजित लोक अदालत में 49 हजार मामले चिन्हित किए गए थे. इनमें 24 हजार मामलों का निपटान कर दिया गया था.


इसलिए किया गया लोक अदालतों का गठन


दीगर है कि लोक अदालतों का गठन इस मकसद से किया गया था कि जिला और सत्र अदालतों पर मामलों का बोझ कम हो. इसके लिए जिलों में रिटायर्ड जज, साहित्य, कला, संस्कृति, कानून, समाज सेवा और पत्रकारिता से जुड़े विशिष्ट लोगों का गठन कर लोक अदालतें बनाई गईं. विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 में लोक अदालतों का प्रावधान दिया गया है. इसके अलावा इन अदालतों में महिलाओं का भी उचित प्रतिनिधत्व होता है. इन अदालतों में मुख्यतः सुलह और समझौतों पर जोर दिया जाता है.


लोक अदालत में शामिल लोग मामलों की सुनवाई के दौरान दो या दो से अधिक वादियों या प्रतिवादियों के बीच सुलह कराने की कोशिश करते हैं. इसके जरिए एक ओर जहां मुख्य धारा की अदालतों का समय बचता है वहीं वादी या प्रतिवादी के बीच लंबी अदालती लड़ाई भी नहीं होती.


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