Himachal: हिमाचल के लिए परेशानी वाला होगा आने वाला वक्त! पेंशन के लिए 19 हजार 628 करोड़ रुपये की जरूरत
Himachal News: हिमाचल प्रदेश के लिए आने वाला वक्त आर्थिक परेशानियों से भरा रहने वाला है. पेंशनर्स के लिए 19628 करोड़ रुपये जुटाना राज्य की सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी.
Himachal Pradesh News: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं हैं. गुजरते वक्त के साथ हिमाचल में आर्थिक हालात लगातार गंभीर हो रहे हैं. कर्ज के बोझ तले दबे प्रदेश के लिए आने वाला वक्त और भी ज्यादा मुश्किलों से भरा रहने वाला है. आने वाले वक्त में वेतन और पेंशन की देनदारी भी मुश्किल होती चली जाएगी. इसे लेकर न सिर्फ राज्य सरकार की चिंता बढ़ी हुई है, बल्कि अर्थशास्त्रियों के साथ हिमाचल की जनता के लिए भी ये एक चिंता का बड़ा विषय बन गया है.
साल 2030-31 में हिमाचल प्रदेश में रिटायर्ड कर्मचारियों की संख्या 2 लाख 38 हजार 827 हो जाएगी. उस वक्त राज्य को उनकी पेंशन देने के लिए एक साल में 19 हजार 628 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. राज्य सरकार के लिए पेंशन की इस रकम का इंतजाम करना किसी चुनौती से कम नहीं होने वाला है. राज्य सरकार ने ये आंकड़े हाल ही में 16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के सामने रखे हैं. हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिश को लागू किया गया है. संशोधित वेतनमान का एरियर भी बकाया है. राज्य सरकार पर अभी इसके भी नौ हजार करोड़ रुपये बकाया है.
वित्तीय परेशानियों से भरा होगा आने वाला वक्त
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने सत्ता में आते ही ओल्ड पेंशन स्कीम भी लागू की है. इसका असर भी आने वाले वक्त में राज्य के खजाने पर ज्यादा नजर आएगा. जल्द ही सातवें वेतन आयोग का भी वक्त होने वाला है. ऐसे में राज्य सरकार की परेशानी बढ़ना तय है. नए वेतन आयोग की सिफारिश के बाद संशोधन वेतनमान और ओल्ड पेंशन स्कीम की वजह से राज्य सरकार के खजाने पर सैलरी और पेंशन का बिल 59 फीसदी तक बढ़ा है. ये जानकारी भी 16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल को सौंपे मेमोरेंडम में दर्ज हैं. कुल-मिलाकर हिमाचल प्रदेश सरकार के लिए आने वाला वक्त मुश्किलों से भरा रहने वाला है.
किस साल में कितना खर्च?
वित्त वर्ष 2024-25 में 9 हजार 961 करोड़ रुपये, साल 2025-26 में 10 हजार 858 करोड़ रुपये, साल 2026-27 में 16 हजार 823 करोड़ रुपये, साल 2027-28 में 17 हजार 130 करोड़ रुपये, साल 2028-29 में 17 हजार 655 करोड़ रुपये, साल 2029-30 में 18 हजार 420 करोड़ रुपये और साल 2030-31 में 19 हजार 628 करोड़ रुपये पेंशन पर खर्च होंगे. मौजूदा वक्त में भी राज्य सरकार को 42 फीसदी बजट कर्मचारियों की तनख्वाह और रिटायर्ड कर्मचारियों के वेतन पर ही खर्च करना पड़ता है.
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