Himachal News: हिमाचल में नया वित्त वर्ष बढ़ाएगा आम आदमी का खर्च, अब इन चीजों के लिए चुकाने होंगे अधिक रुपये
Shimla: आज से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने वाली गाड़ियों को प्रवेश करने के लिए ज्यादा शुल्क चुकाना होगा. पांच सीटर वाहनों को 40 की जगह 50 रुपये, छह से 12 सीटर वाहनों को अब 80 रुपये देने होंगे.
Himachal Pradesh News: आज यानी एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष लागू हो चुका है. देशभर के साथ हिमाचल प्रदेश में भी नया बजट आज से लागू हो रहा है. नए वित्त वर्ष में प्रदेश के लोगों को रोजमर्रा के खर्चे के लिए अब अपनी जेब ढीली करनी होगी. नया वित्त वर्ष प्रदेशभर की जनता के लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ लेकर साथ आया है. राज्य में बिजली विनियामक आयोग की मंजूरी के बाद 1 अप्रैल से हिमाचल प्रदेश के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली के लिए अतिरिक्त 22 पैसे चुकाने होंगे.
फिलहाल प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल रही है. वहीं अगर घरेलू उपभोक्ता 30 दिन में 125 यूनिट से अधिक बिजली का इस्तेमाल करते हैं, तो अब हर यूनिट पर अतिरिक्त 22 पैसे चुकाने होंगे. इसके अलावा अंग्रेजी शराब 10 रुपये और देसी शराब 20 रुपये महंगी हो गई है. सरकार ने शराब की बोतल पर कॉउ सेस लगाया है. इससे सरकार को हर साल औसतन 100 करोड़ रुपये की कमाई होगी.
बाहरी गाड़ियों को चुकाना होगा ज्यादा शुल्क
वहीं आज से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने वाली गाड़ियों को भी प्रवेश करने के लिए ज्यादा शुल्क चुकाना होगा. पांच सीटर निजी या सार्वजनिक वाहनों को 40 की जगह 50 रुपये देने होंगे. छह से 12 सीटर वाहनों को अब 80 रुपये देने होंगे. इसी के साथ ही 12 सीट से अधिक यात्री वाहन के लिए 140 रुपये देने पड़ेंगे. वहीं मल्टी एक्सल ट्रकों के अलावा अन्य भारी मालवाहकों के लिए 500 रुपये देने होंगे, जबकि मल्टी एक्सल ट्रकों से 600 रुपये लिए जाएंगे.
आर्थिक दबाव बढ़ने के संकेत
इसके अलावा भी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश की जनता को कड़े फैसलों के लिए तैयार रहने की हिदायत दे चुके हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई मंचों से यह बात कहते आए हैं कि प्रदेश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है. प्रदेश की गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे और इन फैसलों में आम जनता का सहयोग बेहद जरूरी है. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इन बातों से यह तय माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ने वाला है.