Himachal Pradesh Mobile Network Problem: हिमाचल प्रदेश (HP) के सीमावर्ती इलाकों में मजबूत मोबाइल नेटवर्क एक बड़ी समस्या है. मजबूत मोबाइल नेटवर्क न होने की वजह से स्थानीय लोगों के साथ सेना के जवानों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती जिलों लाहौल स्पीति (Lahaul and Spiti), किन्नौर (Kinnaur) और चंबा (Chamba) में मोबाइल नेटवर्क सुदृढ़ होगा. चीन (China) की सीमा से सटे लाल से समदो (Samdo) तक पर्यटकों, सेना और आईटीबीपी (ITBP) के जवानों के लिए 4G नेटवर्क की सुविधा मिलने जा रही है.

 

इसके लिए जल्द 125 मोबाइल टावर लगाने का काम पूरा किया जाएगा. इससे पहले किन्नौर में साल 2020 में 4जी नेटवर्क उपलब्ध कराने के प्रयास शुरू हुए थे. किन्नौर के कई इलाकों में अब 4G नेटवर्क की सुविधा मिल रही है. जल्द ही किन्नौर के शेष सीमावर्ती इलाकों में भी 4G की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी. इसके अलावा जिला चंबा के पांगी की सीमा जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ इलाके से लगती है. कमजोर नेटवर्क की वजह से यहां स्थानीय लोगों के साथ जीना को परेशानी होती है.

 


 

125 टावर के लिए स्थानों का चयन पूरा

ऐसे में संपर्क करने के लिए सेना को सेटेलाइट फोन या वायरलेस का इस्तेमाल करना पड़ता है, लेकिन अब 4जी नेटवर्क मिलने से इन इलाकों में भी नेटवर्क मजबूत होगा. हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में लगने वाले टावरों के लिए स्थान चिन्हित करने का काम पूरा हो चुका है. लाहौल में 18, स्पीति में 27, किन्नौर में 64 और पांगी में 16 मोबाइल टावर लगना प्रस्तावित है. गौरतलब है कि एक मोबाइल टावर स्थापित करने पर 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक का खर्च होता है. इन इलाकों में मोबाइल टावर लगने से आम जनता को सुविधा मिलेगी.