Himachal Prdaesh News: हिमाचल प्रदेश के शिमला में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. पांच सालों में शिमला में महिलाओं के खिलाफ अपरहण, छेड़छाड़, आत्महत्या के लिए उकसाने, क्रूरता और छेड़खानी के मामलों में करीब 32 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. शिमला पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए 223 मामले दर्ज किए गए थे. जबकि साल 2022 में यह संख्या घटकर 146 रह गई है.


इसी तरह साल 2018 में दुष्कर्म के 40 मामले दर्ज किए गए थे और साल 2022 में 38 तक आए हैं. आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए साल 2018 में 6 मामले थे. वहीं साल 2022 में इस तरह का केवल एक मामला सामने आया है. दुष्कर्म के मामलों में 33 फीसदी, क्रूरता में 26 फीसदी, अपहरण में 23 फीसदी, छेड़छाड़ में 8 फीसदी और छेड़खानी में 17 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. वहीं शिमला में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामलों में भी 50 फीसदी की कमी आई है.


शिमला में 16.50 फीसदी महिला कांस्टेबल
हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को सुविधा देने के लिए हर थाने में कम से कम एक महिला पुलिस की तैनाती की गई है. प्रदेश भर में कई महिला थानों की भी शुरुआत की गई है. जिले में तैनात 16.50 फीसदी महिला कांस्टेबल हैं. जिला में निगरानी के लिए जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं. मौजूदा वक्त में सर्विलेंस के लिए राजधानी शिमला में 6 हजार 500 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं.


वहीं कुछ दिनों पहले हिमाचल पुलिस महानिदेशक ने कहा था कि हिमाचल पुलिस ने वर्ष 2023 के लिए अपना प्लान तैयार किया है. इस साल मादक पदार्थों की तस्करी पर नकेल कसने के साथ महिलाओं के खिलाफ  होने वाले अपराधों, कानून व्यवस्था और सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल किया जाएगा.



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