Plantation In Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में 80 फीसदी से ज्यादा वन क्षेत्र है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता सैलानियों को खूब भाती है. इस खूबसूरती को बनाए रखने के लिए इन दिनों हिमाचल प्रदेश में पौधारोपण अभियान जारी है. इस क्रम में रविवार को पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा. एक साथ एक हजार पौधे लगाए जाएंगे. ताकि,  यहां के वादियों की हरियाली हमेशा के लिए बरकरार रहे. 


हर साल मानसून के सीजन में हिमाचल के अलग-अलग जिलों में बड़ी संख्या में पौधारोपण किया जाता है. हालांकि, पौधारोपण के बाद एक बड़ा प्रश्न इसके संरक्षण से जुड़ा हुआ भी रहता है, जो अभी तक उपेक्षित है. 


'एक परिवार, एक पौधा' कैंपेन


हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रविवार को 'एक परिवार, एक पौधा' कार्यक्रम के तहत पौधारोपण के लिए एक हजार परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया. इसके लिए सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट और श्यामला एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के साथ कई अन्य ट्रस्ट यह कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. संस्था द्वारा इस मुहिम को सिर्फ पौधारोपण तक सीमित न रख घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रम के जरिए विशेष कोशिश की जा रही है. 


इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को जोड़ा जाएगा. शिमला के अनाडेल की गोल पहाड़ी में रविवार को एक हजार पौधे लगाए जाएंगे. यही नहीं, भविष्य में इन पौधों का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाएगा.


अब इन पहलुओं पर भी दिया जाएगा जोर 


श्यामला एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने कहा कि यह अपने आप में एक बड़ा प्रयास है. इस कार्यक्रम के तहत एक हजार परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इस कार्यक्रम में शामिल होने वाला हर व्यक्ति अपने परिवार के नाम पर पौधा लगाएगा. इसके अलावा, इन पौधों का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा. उन्होंने शिमला के लोगों से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा इस कार्यक्रम में वह अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. ताकि पर्यावरण संरक्षण किया जा सके. 


सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के सचिव डॉ. सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि वह पौधों का संरक्षण भी सुनिश्चित करेंगे. दो साल पहले पवाबो इलाके में पौधारोपण किया गया था. यहां भी पौधे अब धीरे-धीरे पेड़ों में तबदील हो रहे हैं.


आग की 2000 से ज्यादा घटनाएं 


बता दें कि इस साल गर्मियों के दौरान हिमाचल के वनों में आग की वजह से कई हेक्टेयर भूमि पर पौधों और पेड़ों को नुकसान हुआ. यही नहीं, वनों में रहने वाले जीवों को भी इस आग में अपने प्राण गंवाने पड़े. हिमाचल प्रदेश में गर्मियों के सीजन के दौरान वनों में आग की दो हजार से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गईं और इससे लगभग आठ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. जंगल में आग लगने की वजह से 16 हजार 188 हेक्टेयर से ज्यादा में पौधारोपण और चार हजार 120 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल को नुकसान हुआ.


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