Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पास नाम मात्र के संसाधन हैं. प्रदेश की अर्थव्यवस्था की गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए लोन ईंधन का काम करता है. एक तथ्य यह भी है कि हिमाचल प्रदेश बिना केंद्रीय वित्त पोषण के विकास में आगे नहीं बढ़ा सकता. बीते करीब तीन दशक से हिमाचल प्रदेश लगातार कर्ज के बोझ तले दब रहा है और इस पर जमकर राजनीति भी हो रही है. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के नेतृत्व वाली सरकार पूर्व जयराम सरकार को लगातार कर्ज के बोझ तले दबने को लेकर घेरती रहती है, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आने के 10 महीने के भीतर ही 10 हजार करोड़ का लोन ले लिया है.


अब लोन लेने की इसी गति पर हिमाचल बीजेपी ने सरकार को आड़े हाथों ले लिया. हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि 10 महीने के छोटे से वक्त में सरकार 10 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. इन्हीं 10 महीने में कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद एक हजार 500 से ज्यादा संस्थाओं को बंद किया. सभी संस्थान यह कहकर बंद किए गए कि इन्हें चलाने के लिए प्राप्त धन नहीं है.


कर्मचारियों को नहीं मिला रहा वेतन
राजीव बिंदल ने कहा कि 10 महीने में ही हजारों कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया गया. कई कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि बीते 10 महीने में सरकार ने कोई नया अस्पताल या स्कूल-कॉलेज खोलना तो दूर, बल्कि पहले से चल रहे संस्थानों को बंद करने का काम किया. उन्होंने कहा कि सरकार इसी महीने एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. इससे पहले सरकार नौ हजार करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है.


सरकार पर डॉ. बिंदल का निशाना
हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सवाल पूछा कि जब पूरे प्रदेश में विकास बंद है. संस्थान बंद पड़े हुए हैं, तो यह कर्ज आखिर लिया क्यों जा रहा है? उन्होंने तंज करते हुए कहा कि जिस गति से सरकार कर्ज ले रही है, उस हिसाब से पांच साल में सरकार 60 हजार करोड़ रुपए का लोन ले लेगी. पांच साल में 60 महीने होते हैं और यदि सरकार के कर्ज लेने की औसत देखी जाए, तो भविष्य ऐसा ही नजर आ रहा है.


जनता को दी गई गारंटी करें पूरी- बिंदल
डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने जनता को जो गारंटी दी, उसे पूरा करने के लिए कम से कम सरकार को 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ेगा. इससे पहले भी सरकारों ने कर्ज लिया. इसमें कांग्रेस की सरकार भी शामिल रही. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू औरों को तो कर्ज लेने के लिए कोसते हैं, लेकिन खुद दोगुनी तेजी से कर्ज ले रहे हैं. ऐसे में वे 'औरों को नसीहत, और खुद मियां फजीहत' को चरितार्थ करते नजर आ रहे हैं. डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को दोषारोपण छोड़ जनता को दी गई गारंटियों का पूरा करने का काम करना चाहिए.


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