First copy of Constitution of India: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी और पहाड़ों की रानी शिमला (Shimla) की पहचान अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए है. ब्रिटिश शासन काल में ग्रीष्मकालीन राजधानी रही शिमला कई मायनों में ऐतिहासिक है. देश के संविधान की पहली प्रति भी इसी ऐतिहासिक शिमला के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया प्रेस (Government of India Press) में छापी गई थी. साल 1872 में बनी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया प्रेस में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से संविधान प्रेषण का काम यहां साल 1949 में पूरा हुआ था.
याद के तौर पर संविधान की पहली प्रति आज भी इसी प्रेस में मौजूद है. अंग्रेजी में छपाई इस संविधान प्रति में कुल 289 पृष्ठ हैं. शिमला की टूटीकंडी में स्थापित गवर्मेंट ऑफ इंडिया प्रेस में जहां संविधान की अंग्रेजी प्रति है, तो वहीं अंबेडकर चौक पर बने राज्य संग्रहालय में संविधान की हस्तलिखित हिंदी प्रति भी मौजूद है. कुल 500 पृष्ठों वाली इस हिंदी प्रति को शांति निकेतन से जुड़े मशहूर चित्रकार नंद लाल बोस ने कड़ी मेहनत से तैयार किया है. इसे पूरा करने में उन्हें चार साल का समय लगा था.
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संविधान निर्माण में लगे 2 साल 11 महीने 18 दिन
भारत के संविधान निर्माण के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान सभा का गठन किया गया था. इसके कुल 389 सदस्यों ने 2 साल 11 महीने 18 दिन तक कड़ी मेहनत के बाद संविधान तैयार किया. देश के संविधान बनाने में करीब 64 लाख का खर्च आया था. मौजूदा वक्त में देश के संविधान में एक प्रस्तावना, 22 भाग, 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं. आपको बता दें कि संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है, जो संविधान सभा की ओर से 26 नवंबर 1949 को पारित हुआ और 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ.