Crypto Currency Fraud in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर भोले-भाले लोगों से बड़ी ठगी की गई. मामले की जांच को लेकर प्रदेश सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया है. हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू और एसआईटी के मुखिया डीआईजी अभिषेक दुल्लर के साथ इस संबंध में बैठक कर जानकारी ली. हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर किए गए फ्रॉड में एक लाख लोगों को टारगेट किया गया. इसमें करीब ढाई लाख आईडी बनाकर बड़ी ठगी को अंजाम दिया गया है.



शिमला में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग फोरलेन और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं से मिले मुआवज़े का पैसा भी क्रिप्टो करेंसी में लगा कर डिजिटल धोखाधड़ी का शिकार बने. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करंसी के झांसे में आकर लोगों की मेहनत की कमाई के लगभग 500 करोड़ रुपये डूब गए हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भी क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन में प्रमाणिकता के संबंध में अस्पष्टता की पुष्टि की है. हिमाचल के विभिन्न जिलों से क्रिप्टो धोखाधड़ी की शिकायतें लगातार मिल रही हैं. अब तक क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी की 300 से अधिक शिकायतें पुलिस को प्राप्त हुई हैं.

मुख्य आरोपी को जल्द पकड़ने का दवा
क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में सरगनाओं ने प्रदेश के लोगों को धोखा दिया है. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस क्रिप्टो करेंसी सरगनाओं के खिलाफ उचित कार्रवाई कर प्रदेश के लोगों को न्याय दिलाएगी. उप-मुख्यमंत्री ने क्रिप्टो नेटवर्क को तोड़ने और मंडी से आरोपी हेमराज और सुखदेव, ऊना से अरुण गुलेरिया और अभिषेक सहित कई गिरफ्तारियां की हैं. उन्होंने कहा कि मंडी जिला के सरकाघाट का एक अन्य आरोपी सुभाष शर्मा भी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा.

क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में 70 से 80 धोखेबाज शामिल
हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि विभाग ने क्रिप्टो घोटाले में संलिप्त लगभग 2.5 लाख अलग-अलग आईडी वाली वेबसाइटों का पता लगाया है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करंसी के इस जाल में शुरुआती स्तर पर 70 से 80 धोखेबाज शामिल होने का अनुमान है. पुलिस ने धोखेबाजों की धर-पकड़ के लिए छापेमारी कर हिमाचल और जीरकपुर में विभिन्न स्थानों पर अब तक 8.5 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. इसमें पंजाब पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है. गृह मंत्रालय ने भी पुलिस को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2019 के तहत कार्रवाई की जा रही है. इस अधिनियम के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है.


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