Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के राज्य सचिवालय (Secretariat) के प्रवेश द्वार से लेकर मंत्रियों के कमरे चकाचक नजर आते हैं. प्रवेश द्वार से लेकर मंत्रियों के कमरे तक पहुंचने पूरी साफ-सफाई और प्रोटोकॉल का पालन भी नजर आता है. हैरानी की बात है कि राज्य सचिवालय से 50 मीटर की दूरी पर ही कूड़े का ढेर लगा हुआ है.
यही नहीं, इस कूड़े के ढेर में प्रतिबंधित तंबाकू के पैकेट भी नजर आते हैं, जो हिमाचल प्रदेश में 2 अक्टूबर 2012 से बंद हैं. हिमाचल में तंबाकू की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध है, लेकिन यहां पड़े तंबाकू के पैकेट इस बात की तस्दीक करते हैं कि प्रदेश भर में खुलेआम तंबाकू भी बेचा जा रहा है.
सचिवालय से 50 मीटर की दूरी पर कूड़े का ढेर
राज्य सचिवालय से 50 मीटर की दूरी पर लगे इस कूड़े के ढेर को कर्मचारी अब तक देख नहीं सके हैं. या फिर यूं कहें कि देख कर अनदेखा कर रहे हैं. इसकी वजह यह भी है कि सचिवालय की दांई तरफ मंत्रियों और अधिकारियों का ज्यादा आना-जाना नहीं होता. वीवीआईपी प्रोटोकॉल के तहत पिक-ड्रॉप मुख्य द्वार पर ही हो जाता है. ऐसे में किसी को इस बात की परवाह नहीं है कि यहां कूड़े का ढेर लगा हुआ है. यह भी सच है कि अगर वहां वीवीआईपी मूमेंट होती, तो कूड़े का यह ढेर इस तरह नजर नहीं आता.
साक्षर हिमाचल की इस तस्वीर का जिम्मेदार कौन?
केंद्र सरकार का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर वाला स्वच्छ भारत अभियान और राज्य सचिवालय की चकाचक सफाई यहां जीरो हो जाती है. चिंता का विषय है यह भी है कि प्रशासन के लिए न तो सफाई मुद्दा है और न ही अवैध तंबाकू की बिक्री. क्योंकि अगर ऐसा होता, तो शायद तस्वीर कुछ और तरह की नजर आती.
85 फीसदी से ज्यादा साक्षरता दर वाले हिमाचल प्रदेश के अधिकारी, कर्मचारी और यहां आने वाले ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे होते हैं. ऐसे में यह भी नहीं कहा जा सकता है कि कूड़ा फैलाने वालों ने सफाई पर पढ़ाया जाने वाला निबंध नहीं पढ़ा होगा और कर्मचारियों को अपने जिम्मेदारी के बारे में जानकारी नहीं होगी.
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