Himachal Share in Chandigarh: चंडीगढ़ में हिमाचल की हिस्सेदारी का मामला एक बार फिर गरमा गया है. हिमाचल ने इसमें अपनी हिस्सेदारी लेने के लिए पहल की है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इसके लिए एक कैबिनेट सब कमेटी गठित की है. हिमाचल के कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अगुवाई में बनी इस कमेटी में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, बागवानी मंत्री जगत सिंह सदस्य बनाए गए हैं. ऊर्जा सचिव को इस कमेटी का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है. यह कमेटी चंडीगढ़ और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में हिमाचल को रॉयल्टी देने को लेकर प्रक्रिया शुरू करेगी.


क्या है पूरा मामला?


दरअसल, पंजाब पुनर्गठन के बाद हिमाचल अलग राज्य बना था. इस एक्ट के मुताबिक हिमाचल को चंडीगढ़ में 7.19 फ़ीसदी हिस्सेदारी मिलनी है. इसी तरह बीबीएमबी की बिजली परियोजनाएं बनाते वक्त हिमाचल के लिए रॉयल्टी या फ्री पावर का प्रावधान नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अब फ्री पावर या रॉयल्टी के नाम पर हिमाचल का हिस्सा मांग रहे हैं. मुख्यमंत्री इस मामले को केंद्र के सामने लगातार उठा रहे हैं.


अपना अधिकार मांग रहा हिमाचल


हाल ही में मुख्यमंत्री ने इस मसले को दिल्ली में भी उठाया था. इस तरह अब केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी हिमाचल अब नए सिरे से अपनी दावेदारी जता रहा है. यही वजह है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इसे लेकर सब कमेटी बनाई है, जो इस दावे को आधिकारिक रूप रूप से केंद्र सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के सहयोगी राज्यों से पेश करेगी. यह कैबिनेट सब कमेटी प्रदेश कैबिनेट को रिपोर्ट देगी और इसके आधार पर सरकार इसको लेकर अगला कदम उठाएगी. इस कैबिनेट सब कमेटी के ऊपर हिमाचल के अधिकारों पर कुंडली मारकर बैठे पड़ोसी राज्यों से अधिकार छीनने की चुनौती रहने वाली है.


पानी पर रॉयल्टी लेने की कोशिश में सरकार


हिमाचल प्रदेश सरकार बीबीएमबी के पावर प्रोजेक्ट से भी रॉयल्टी लेने को लेकर पूरे प्रयास कर रहा है. हिमाचल प्रदेश में जितने भी हाइडल प्रोजेक्ट लगाए गए हैं, उससे हिमाचल को और रॉयल्टी मिलती है. लेकिन, बीबीएमबी प्रोजेक्ट जब हिमाचल में स्थापित किया गया था ,उस दौरान रॉयल्टी देने का कोई प्रावधान नहीं था. अब प्रदेश सरकार बीबीएमबी से रॉयल्टी लेने की मांग कर रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू चंडीगढ़ में बीबीएमबी के अधिकारियों से बैठक कर चुके हैं. बैठक में यह बात रखी गई है कि हिमाचल को रॉयल्टी दी जाए या फिर बिजली के रूप में शेयर को बढ़ाया जाए, क्योंकि बीबीएमबी प्रोजेक्ट से अब काफी आय हो रही है. कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में बनाई गई यह सब कमेटी यह रिपोर्ट भी तैयार करेगी कि किस तरह से बीबीएमबी प्रोजेक्ट से रॉयल्टी ली जा सकती है.


बहते सोने से आय करेगी सरकार


बता दें कि बीबीएमबी की तरफ से हिमाचल प्रदेश में तीन प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं, जिसमें 1 हजार 478 मेगावॉट का भाखड़ा बांध प्रोजेक्ट, 990 मेगावाट का ब्यास सतलुज प्रोजेक्ट और 396 मेगावाट का पौंग बांध प्रोजेक्ट चल रहा है. इन प्रोजेक्ट से हिमाचल प्रदेश से मुफ्त में बिजली जनरेट की जा रही है और हिमाचल को किसी भी तरह की रॉयल्टी प्राप्त नहीं हो रही है. बीबीएमबी की तरफ से संचालित इन प्रोजेक्ट से अगर हिमाचल को रॉयल्टी मिलना शुरू हो जाती है, तो इससे हिमाचल प्रदेश को से का बहुत बड़ा हिस्सा प्राप्त होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस बात को पूरी तरह से स्पष्ट कर चुके हैं कि हिमाचल प्रदेश में बहता हुआ पानी सोने की तरह है और हिमाचल प्रदेश सरकार इससे आय प्राप्त करने को लेकर जो बन सकेगा, वह करेगी.


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