Parimahal in Shimla: ब्रिटिश शासनकाल के दौरान ग्रीष्मकालीन राजधानी रही शिमला ऐतिहासिक शहर है. यहां हर कदम पर इतिहास नजर आता है. शिमला में कई ऐसी इमारतें हैं, जो खुद में सालों पुराना इतिहास समेटे खड़ी हुई हैं. यहां एक ऐसी ही पुरानी इमारत है, जिसका संबंध जुब्बल के तत्कालीन शासकों से है. इसका नाम परिमहल है. इसे यह नाम इसकी खूबसूरत बनावट के चलते दिया गया है.


सालों पुरानी यह इमारत आज भी संजोकर रखी गई है. यह धज्जी दीवार से बनी है और इसके फर्श पर लकड़ी का काम नजर आता है. दो मंजिला इस इमारत की ऊपर की मंजिल पर जाने के लिए भी लकड़ी की सीढ़ियों का ही इस्तेमाल किया जाता है. यह सालों पुरानी खूबसूरत इमारत कुशल इंजीनियरिंग का भी एक बेजोड़ नमूना है. शिमला के उपनगर पंथाघाटी के नजदीक के इस इलाके को परिमहल के नाम से ही जाना जाता है.


क्या है परिमहल का इतिहास?


क्योंथल राज्य के पूर्व राज्य का हिस्सा परिमहल यानी परियों का महल या मनमोहक महल. जुब्बल के तत्कालीन शासकों के अंतर्गत आता था. आज यह ऐतिहासिक इमारत राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण संस्थान का प्रशासनिक कार्यालय है. यह कार्यालय जिला सोलन के कसौली की मांडोधार तहसील से यहां साल 1979 में स्थानांतरित किया गया. इससे पहले कुछ समय के लिए यह ऐतिहासिक स्थान विख्यात सितार वादक उस्ताद विलायत खान का निवास स्थान भी रहा है.


स्वास्थ्य विभाग के अधीन है परिमहल


इन दिनों सालों पुरानी इस ऐतिहासिक इमारत के नवीनीकरण का काम भी चला हुआ है. साल 2015 में पांच फरवरी के दिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस ऐतिहासिक इमारत को राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र से राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण संस्थान में अनुसूचित किया था. तब से लेकर अब तक यहां प्रशिक्षण संस्थान चल रहा है. इस ऐतिहासिक इमारत के ठीक सामने खूबसूरत पहाड़ियां हैं, जो इसकी सुंदरता पर चार चांद लगाती हैं.


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