Himachal News: हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र (winter session) धर्मशाला स्थित तपोवन में चल रहा है. शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दूसरे दिन अध्यक्ष का चुनाव होना है. मंगलवार को जिला चंबा के भटियात से विधायक कुलदीप सिंह पठानिया ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन (Nomination) किया है. उनका अध्यक्ष बनना लगभग तय है. क्योंकि इस पद के लिए नामांकन करने वाले वे अकेले विधायक हैं. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और वरिष्ठ सदस्य कर्नल धनीराम शांडिल पठानिया के नाम का प्रस्ताव करेंगे. इस प्रस्ताव को शिलाई के विधायक हर्ष चौहान और सुलह से विधायक विपिन सिंह परमार समर्थन देंगे.


पांचवीं बार के विधायक हैं कुलदीप सिंह पठानिया


पांचवीं बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे कुलदीप सिंह पठानिया का जन्म 17 सितंबर, 1957 को चंबा (Chamba) में हुआ. उन्होंने लखनऊ से बीएससी और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी (LLB) की पढ़ाई की है. छात्र नेता के तौर पर एनएसयूआई से शुरुआत करने वाले पठानिया आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. कुलदीप सिंह पठानिया का नाम भटियात में मजदूरों और किसानों के हितों की लड़ाई लड़ने के लिए भी जाना जाता है. कुलदीप सिंह पठानिया ब्लॉक यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष से लेकर चंबा कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य भी रहे हैं.


साल 1985 में पहला चुनाव जीते थे पठानिया


कुलदीप सिंह पठानिया ने केवल 28 साल की उम्र में 1985 में अपना पहला चुनाव जीता. इसके बाद पठानिया साल 1993 और साल 2003 में आजाद प्रत्याशी के तौर पर जीतकर विधानसभा पहुंचे. साल 2007 में कुलदीप सिंह पठानिया (Kuldeep Singh Pathania) 
एक बार फिर कांग्रेस की टिकट पर जीतकर 11वीं विधानसभा में पहुंचे. कुलदीप सिंह पठानिया साल 2003 से लेकर साल 2007 तक फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन भी रहे हैं. कुलदीप सिंह पठानिया को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश की है.


भटियात सीट से चुनाव जीते हैं कुलदीप सिंह पठानिया 


साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कुलदीप सिंह पठानिया जिला चंबा की भटियात सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. उन्हें कुल 25 हजार 989 वोट पड़े. उन्होंने अपने बीजेपी के निकटम प्रतिद्वंदी बिक्रम सिंह जरियाल को 1 हजार 567 वोटों से शिकस्त दी है. बिक्रम सिंह जरियाल 23 जुलाई, 2021 को पूर्व बीजेपी सरकार में मुख्य सचेतक बनाए गए थे. जरियाल से पहले नरेंद्र बरागटा मुख्य सचेतक थे. बरागटा के निधन के बाद उन्हें यह अहम जिम्मेदारी दी गई थी.


यह भी पढ़ें: Himachal Pradesh: अपनों को छोड़ना BJP को पड़ा महंगा, आखिर क्यों बागी हुए थे केएल ठाकुर?