Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (Real Estate Regulatory Authority- RERA) को जल्द ही नए अध्यक्ष और दो सदस्य मिलने वाले हैं. इसके लिए कई पूर्व आईएएस अधिकारियों के साथ अथॉरिटी के पूर्व सदस्य ने भी आवेदन किया हुआ है. हिमाचल प्रदेश के मौजूदा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना भी रेरा अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं.
इससे पहले तत्कालीन भाजपा सरकार में मुख्य सचिव रहे डॉ. श्रीकांत बाल्दी भी रेरा के अध्यक्ष रह चुके हैं. हिमाचल प्रदेश में रेरा का अध्यक्ष नियुक्त होने के साथ दो सदस्य पदों के लिए भी लोगों तेज हो चुकी है. मौजूदा वक्त में नगर नियोजन विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार के पास रेरा के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार है.
अध्यक्ष पद के लिए सात आवेदन
हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष पद के लिए पात्रता के दस मानकों को पूरा करने वाला व्यक्ति अध्यक्ष नियुक्त हो सकता है. जानकारी के मुताबिक, आवेदन प्रक्रिया के दौरान अध्यक्ष पद के लिए सात आवेदन मिले हैं. इसके अलावा सदस्य के दो पदों के लिए बीस आवेदन मिले हैं. बीते 31 दिसंबर को सदस्य का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह पद रिक्त हो गया था. इससे पहले नवंबर में रेरा अध्यक्ष श्रीकांत बाल्दी और उससे भी तीन महीने पहले एक अन्य सदस्य कार्य हो गया था.
किस-किस ने किया है आवेदन?
रेरा के अध्यक्ष पद के लिए सदस्य रह चुके राजीव वर्मा के अलावा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, आरडी धीमान, पूर्व सीसीएफ पवनेश कुमार और सविता, मध्य प्रदेश से मनोज कुमार मिश्र ने आवेदन किया है. जानकारी है कि सदस्य के दो पदों के लिए पूर्व आईएएस एसएस गुलेरिया, अमित कश्यप, हंसराज चौहान, पूर्व विधि सचिव राजीव भारद्वाज, व्यवसायिक वास्तुकार सुभाष वर्मा और विदुर मेहता ने भी आवेदन किया है.
सदस्य के दो पदों के लिए आवेदन करने वालों में कई अन्य लोग भी हैं. चयन कमेटी की ओर से अध्यक्ष पद के लिए दो और सदस्यों के दो पदों के लिए चार नाम प्रदेश सरकार को अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे.
31 मार्च, 2025 को खत्म होगा सक्सेना का कार्यकाल
हिमाचल प्रदेश के मौजूदा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कार्यकाल मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कार्यकाल 31 मार्च, 2025 को खत्म हो रहा है, जबकि राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त आरडी धीमान और सदस्य एसएस गुलेरिया को दो साल होने लगे हैं. रेरा अध्यक्ष और सदस्य के पदों के लिए पांच साल का कार्यकाल निर्धारित है या फिर अधिकतम 65 साल की अधिकतम उम्र है.
सुप्रीम कोर्ट ने की थी टिप्पणी
साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने भारती जगत तोशी बनाम भारतीय रिजर्व बैंक अन्य मामले में रेरा अधिनियम की योजना पर चिंता जाहिर की थी. 27 सितंबर, 2024 रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के कामकाज पर कड़ी असहमति जताई थी. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की खंडपीठ ने टिप्पणी की थी कि रेरा उन पूर्व नौकरशाहों के एक जगह गया है. ऐसे नौकरशाहों ने रेरा अधिनियम की योजना को विफल कर दिया है. ऐसे में हम रेरा के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं.
क्यों हुई है रेरा की स्थापना?
गौर हो कि भारत सरकार ने रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 लागू किया है. अधिनियम की सभी धाराएं 1 मई, 2017 से लागू हो गई हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र के विनियमन और संवर्धन के लिए रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) एचपी की स्थापना की है. हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण ने 1 जनवरी, 2020 से अपना कामकाज शुरू कर दिया था.
प्राधिकरण में अध्यक्ष और दो सदस्य होते हैं. प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र को विनियमित और बढ़ावा देना है, ताकि परियोजना विवरणों के अनिवार्य प्रकटीकरण पर जोर देकर रियल एस्टेट व्यवसाय में पारदर्शिता लाई जा सके. इसका उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है, ताकि विवादों का त्वरित समाधान हो सके.
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