Himachal Pradesh News:  हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के लोगों को साल 2023 के पहले महीने में ही महंगाई का तोहफा मिला है. पहले डीजल पर तीन रुपए वैट की बढ़ोतरी के बाद अब राजधानी शिमला में पेयजल दरों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इस बाबत अधिसूचना भी जारी हो चुकी है.


24 जनवरी से लागू होंगी पानी की बढ़ी हुई दरें
राजधानी शिमला के लोगों को अब हर महीने पहले से ज्यादा पानी का बिल चुकाना होगा. अधिसूचना के मुताबिक नई दरें नई दरें 24 जनवरी से लागू मानी जाएंगी. साथ ही फरवरी से लोगों को बढ़ी हुई दरों के पानी के बिल चुकाने होंगे. शिमला शहर में करीब 35 हजार पेयजल उपभोक्ता हैं. इनमें 25 हजार घरेलू जबकि 10 हजार व्यवसायिक उपभोक्ता हैं. पानी की दरों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अब इन उपभोक्ताओं को हर महीने अतिरिक्त रकम चुकानी होगी.


तीन साल बाद पानी की दरों में बढ़ोतरी
बीते तीन साल से पेयजल दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई थी. आखिरी बार साल 2019 में इन दरों को बढ़ाया गया था. कोरोना की वजह से सरकार ने पानी की दरें नहीं बढ़ाई, लेकिन अब स्थिति सामान्य होने के बाद साल 2023 की शुरुआत में ही 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज ललित का कहना है कि राजधानी में पेयजल दरें 10 फीसदी बढ़ाने के प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिल गई है. नई दरें 24 जनवरी से लागू मानी जाएंगी.


आम जनता पर डाला गया अतिरिक्त बोझ
पानी की दरें 10 फीसदी तक बढ़ाने के पीछे शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड का तर्क है कि विश्व बैंक प्रोजेक्ट के शर्त के तहत हर साल पानी की दरों पर दस फीसदी की बढ़ोतरी करना जरूरी है. बीते तीन साल से दर नहीं बढ़ सकी थी. इसके चलते कंपनी को खासा नुकसान भी उठाना पड़ा था. अब दस फीसदी दर बढ़ने से विश्व बैंक 28 करोड़ रुपये कंपनी को देगा.


पांच साल में लगातार पानी की दरें बढ़ने पर कंपनी को कुल 140 करोड़ रुपए मिलने हैं, लेकिन इसकी वजह से आम जनता की जेब पर अब बोझ पड़ेगा. वहीं मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने भी सत्ता पक्ष पर लोगों को महंगाई की गर्त में धकेलने का आरोप लगाया है.


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