Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आवारा कुत्तों का खौफ लगातार बढ़ता चला जा रहा है. यहां आवारा कुत्ते आए दिन लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. जुलाई महीने से अक्टूबर महीने तक ही आवारा कुत्तों ने 439 लोगों को अपना शिकार बनाया है. इस तरह यह आवारा कुत्ते रोज औसतन चार लोगों को काट रहे हैं. आवारा कुत्तों के बढ़ते खौफ की वजह से आम लोग परेशान हैं. इन्हीं चार महीनों के अंतराल में बंदरों और अन्य जानवरों के काटने के 540 मामले दर्ज किए गए हैं.


हर महीने क्षेत्रीय अस्पताल में आते हैं सैकड़ों मामले
शिमला के दीनदयाल उपाध्याय क्षेत्रीय अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि बीते चार महीनों में कुत्ते, बंदर और अन्य जानवरों के काटने के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि निगम के कई प्रयासों के बावजूद आंकड़ा अभी तक कम नहीं हुआ है. अस्पताल में हर महीने सैकड़ों मरीज घायल होने के बाद एंटी रेबीज का टीका लगवाने आते हैं. डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि मरीजों को यहां मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है. साथ ही उन्हें आवारा जानवरों के काटने से होने वाले इन्फेक्शन से बचने के बारे में भी बताया जाता है.


MC शिमला नियमों की परिधि में कर रहा काम
शिमला नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि शहर में आवारा कुत्तों और बंदरों की समस्या देखने को मिलती है. हालांकि, नगर निगम प्रशासन लगातार बंदरों और कुत्तों की नसबंदी का काम करवाता है. शिमला के पांजड़ी में बने स्टरलाइजेशन सेंटर में नसबंदी के बाद ऑब्जर्वेशन में रखकर जानवरों को वापस उनके मूल स्थान पर छोड़ दिया जाता है. आशीष कोहली ने बताया कि आवारा जानवरों के साथ व्यवहार को लेकर न्यायालय और विभाग की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होता है.


आवारा कुत्तों को गोद लेने की योजना
नगर निगम शिमला ने शहर में आवारा कुत्तों की संख्या को कम करने के लिए कुत्तों को गोद लेने की योजना भी चलाई है. शहर में कुत्ता गोद लेने वाले लोगों को पार्किंग और कूड़े के बिल में राहत दी जाती है. शहर में अब तक करीब 150 लोग आवारा कुत्तों को गोद ले चुके हैं. हालांकि, शहर भर में कुत्तों की बढ़ती संख्या के चलते लोग परेशान हैं.


शहर में आवारा कुत्तों से लोग परेशान
शिमला शहर में आवारा कुत्तों और बंदरों की वजह से स्थानीय लोग खासे परेशान हैं. शिमला घूमने आने वाले पर्यटक भी यहां आवारा जानवरों से परेशान नजर आते हैं. पर्यटकों की ज्यादा परेशानी शिमला के उत्पाती बंदर बढ़ाते हैं. पर्यटक जैसे ही दुकान से खाने का सामान खरीदकर निकलते हैं, तो घात लगाए बंदर उन पर हमला कर देते हैं. दिनभर खाने की तलाश में घूमने वाले यह बंदर कई बार पर्यटकों को घायल भी कर चुके हैं. लोगों की मांग है कि नगर निगम प्रशासन कुत्तों की संख्या कम करने के लिए कोई प्रभावी नीति अपनाए, ताकि लोगों को समस्या से निजात मिल सके.



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