Shimla Traffic Jam: दुनिया भर में अपनी खूबसूरती और पर्यटन के लिए पहचान रखने वाली पहाड़ों की रानी और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला (Shimla) इन दिनों जाम सिटी बनी हुई है. शहर में लगने वाला जाम आम लोगों की सिर दर्दी बढ़ा रहा है. 20 मिनट में तय होने वाले रास्ते को पूरा करने के लिए डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है. आम जनता सोच रही है कि आखिर स्मार्ट सिटी शिमला की स्मार्टनेस कहां है? शहर के मुख्य इलाकों में हर 100 मीटर पर पुलिस के जवान तैनात हैं, लेकिन इसके बावजूद शहर का जाम है कि खत्म होने का नाम नहीं लेता.
शहर में अमूमन सुबह और शाम के समय जाम की समस्या ज्यादा रहती है. बच्चों के स्कूल जाने और कर्मचारियों के ऑफिस जाने के वक्त तो गाड़ियां रेंगती नजर आती हैं. शिमला की सड़कें बेहद संकरी हैं. यहां गाड़ियों की संख्या बढ़ने की वजह से जाम की समस्या बढ़ रही है. यही नहीं, शहर में आने वाले पर्यटकों की गाड़ियां भी जाम की समस्या को बढ़ाते हैं. पर्यटन सीजन के दौरान तो शहर में अपनी गाड़ी से सफर करना किसी आफत से कम नहीं लगता.
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सड़कें हुईं चौड़ी
राजधानी शिमला में बीते दो साल में स्मार्ट सिटी के काम में तेजी देखी गई. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में 17 किलोमीटर लंबे फुटपाथ के साथ 12 किलोमीटर सड़कों को चौड़ा करने का काम किया गया. इसके अलावा शहर में विधानसभा के नजदीक लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए 230 मीटर लंबा फ्लाईओवर भी प्रस्तावित है, जो विक्ट्री टनल से सीधा विधानसभा चौक पर जाकर मिलेगा. इसके अलावा शिमला शहर के विक्ट्री टनल पर भी 60 मीटर की रोड एक्सटेंशन की जानी है. यह दो मुख्य प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद शहर में जाम की समस्या कुछ हद तक कम होगी.
यहां लगता है ज्यादा जाम
यूं तो शहर भर में जाम की समस्या बनी रहती है, लेकिन मुख्य रूप से विक्ट्री टनल, विधानसभा चौक, लिफ्ट पार्किंग, छोटा शिमला, संजौली, कसुम्पटी और बालूगंज में जाम की समस्या ज्यादा है. इन जगहों में ऑफिस की संख्या ज्यादा होने और कुछ जगह पर सड़क संकरी होने की वजह से जाम की समस्या अधिक रहती है.
शहर में जाम से कैसे बचें?
शिमला शहर में जाम की समस्या से बचने के लिए सुबह घर से जल्दी निकल कर जाम से बचा जा सकता है. इसके अलावा शहर में बने बाईपास रोड का इस्तेमाल कर भी गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकते हैं. इससे न केवल आप जाम से बचेंगे बल्कि शहर के कार्ट रोड पर भी गाड़ियों का दबाव कम होगा. हालांकि पर्यटन सीजन के पीक के दौरान बाईपास रोड पर भी जाम की समस्या हो जाती है.