Himachal Pradesh News: यूपीएससी 1990 बैच के आईएएस अधिकारी प्रबोध सक्सेना (IAS Prabodh Saxena ) ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव (Chief Secratory) के तौर पर कार्यभार संभाल लिया. इसी के साथ मूल रूप से यूपी के लखनऊ के रहने वाले सक्सेना नई सरकार (Congress Government) के नए मुख्य सचिव बन गए हैं. अब मुख्य सचिव के तौर पर पूरे राज्य की अफसरशाही का नेतृत्व वही करेंगे. ऐसे में उन पर कांग्रेस की नई सरकार की नीतियों का फायदा जनता तक पहुंचाने की भी जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी.
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh ) के मुख्य सचिव के तौर पर पदभार ग्रहण करने के बाद प्रबोध सक्सेना ने कहा कि अभी सरकार को बने तीन हफ्ता ही हुआ है. उन्हें भी नई सरकार में नई जिम्मेदारी मिली है. वह सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए काम करेंगे. आईएएस अधिकारी प्रबोध सक्सेना ने नई जिम्मेदारी के लिए प्रदेश सरकार का आभार जताया. प्रबोध सक्सेना ने कहा कि वे पूरी निष्ठा के साथ जनता के हित के लिए काम करेंगे.
OPS पर अमल पहली प्राथमिकता
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लीक से हटकर काम करने के लिए जाने जाते हैं. उनकी बतौर मुख्य सचिव की नियुक्ति उस समय हुई है जब हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी नई सरकार के गठन के बाद से ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने का इंतजार कर रहे हैं. कांग्रेस सरकार ने चुनाव के दौरान पहली कैबिनेट की बैठक में OPS देने की बात कही थी. इसके अलावा केंद्र सरकार से आठ हजार करोड रुपए भी वापस मांगे गए हैं. अगर केंद्र की ओर से प्रदेश को यह धनराशि वापस नहीं मिलती है, तो सरकार ने इसके लिए प्लान-बी भी तैयार किया है. हालांकि इसका खुलासा पहली कैबिनेट की बैठक में ही होगा.
भारी कर्ज के बोझ से दबा है हिमाचल
नवनियुक्त प्रमुख सचिव के मुताबिक हिमाचल प्रदेश पर करीब 70 हजार करोड़ का कर्ज है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना बहुत बड़ी चुनौती है. पहाड़ी राज्य होने की वजह से हिमाचल प्रदेश में आय के संसाधन भी कम हैं. प्रदेश कर्ज पर ही चल रहा है. इसके अलावा कांग्रेस ने सरकार में आने से पहले 18 साल से 60 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 500 रुपए देने की भी गारंटी दी है.
आईएएस अधिकारी की कमी बड़ी चुनौती
हिमाचल प्रदेश में के आईएएस टॉप हैवी न होने की भी समस्या है. प्रधान सचिव और सचिव के करीब 11 पद खाली पड़े हैं. 12 जिलों में 12 उपायुक्त बनने के बाद भी 40 अधिकारी इस स्तर के हैं. हाल ही में सरकार बदलने के बाद ही सुभाशीष पांडा और रजनीश हिमाचल छोड़कर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में चले गए हैं. ऐसे में कम आईएएस अधिकारियों के साथ प्रदेश का संचालन करना अभी हिमाचल के सामने एक बड़ी चुनौती है.
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