Himachal Pradesh Old Pension Scheme: हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में हुए निर्णय के मुताबिक ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के लिए कदम उठाना शुरू कर दिए हैं. मंगलवार को जारी मेमोरेंडम में न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देने के लिए कहा गया है. हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से के मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेशों में वित्त विभाग को स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (SOP) बनाने के लिए कहा गया है. वित्त विभाग की ओर से SOP तय होने के बाद यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि हिमाचल प्रदेश किस फॉर्मूला पर ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली करने जा रहा है.


इससे पहले हिमाचल प्रदेश में छत्तीसगढ़ मॉडल पर ओल्ड पेंशन स्कीम की चर्चा की जा रही थी, लेकिन इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश अलग फार्मूला पर ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली करेगा और इस फार्मूला को देशभर के राज्य अपनाएंगे.


हिमाचल कैबिनेट में हुआ था OPS बहाली का निर्णय


13 जनवरी को हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की घोषणा की गई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने से बाद अपनी पहली गारंटी को पूरा कर दिया है. उन्होंने यह भी वादा किया कि कांग्रेस पार्टी आने वाले पांच सालों में अपने सभी 10 गारंटियों को पूरा करेगी.


पहले साल में 800 करोड़ रुपए का बोझ


हिमाचल प्रदेश पर ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के बाद पहले वित्त वर्ष में 800 से 900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है. आने वाले सालों में यह वित्तीय बोझ और भी अधिक होगा. एक अनुमान के मुताबिक दूसरे साल में यह बोझ 1 हजार 200 करोड़ जबकि तीसरे साल तक 1 हजार 500 करोड़ पहुंचने पहुंच सकता है.


हिमाचल पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज


हिमाचल प्रदेश में 1.36 लाख कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलना है. प्रदेश में अब तक करीब 13 हजार कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, जिन्हें इसी वित्त वर्ष से ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देना होगा. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश पर करीब 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. केंद्रीय पोषण पर चलने वाले पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश पर आने वाले वक्त में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के बाद और अधिक बोझ पड़ना तय है.


ये भी पढ़ें: Himachal News: हिमाचल के दो शहरों में होगी G-20 की बैठक, महिलाओं ने रंगोली बनाकर जताई खुशी