Himachal Pradesh News: हिमाचल में OPS का रास्ता साफ, 1.18 लाख कर्मियों ने चुना विकल्प, 346 NPS में रहेंगे
हिमाचल प्रदेश में OPS को धरातल पर लागू करने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है. सरकार ने कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम चुनने का विकल्प दिया था. यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा. सत्ता परिवर्तन हुए सात महीने का वक्त गुजर जाने के बाद अब ओल्ड पेंशन स्कीम को धरातल पर लागू करने का रास्ता साफ हो गया है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम और नेशनल पेंशन स्कीम के बीच विकल्प चुनने का वक्त दिया था. तीन जुलाई को यह वक्त खत्म हो गया. हिमाचल प्रदेश सरकार के करीब 1 लाख 18 हजार कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम का विकल्प चुना है, जबकि 346 कर्मचारियों ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस में ही रहने की इच्छा जाहिर की है.
चार मई को जारी हुई थी अधिसूचना
इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद अब जल्द ही ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली धरातल पर लागू हो सकेगी. चार मई को जब इसकी अधिसूचना जारी की गई थी, तब उसमें विकल्प चयन के लिए दो महीने का वक्त दिया गया था. अब यह दो महीने का वक्त खत्म हो चुका है. हालांकि हिमाचल प्रदेश सरकार के जिन कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम में रहने का फैसला लिया है, उनके जीपीएफ खाता खोलने की रफ्तार फिलहाल धीमी है. मौजूदा वक्त में केवल पांच हजार कर्मचारियों के ही खाते खोले गए हैं. सरकार ने जीपीएफ खाते खोलने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश भी जारी किए हैं. हालांकि वित्त विभाग का यह भी कहना है कि जीपीएफ खातों से ओल्ड पेंशन स्कीम मिलने पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
आर्थिकी पर पड़ने वाला है अतिरिक्त बोझ
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने सत्ता में आते ही ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का वादा किया था. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कर्मचारियों से मुलाकात कर ही कैबिनेट में वादा किया था. इसके लिए सरकार के सामने कई चुनौतियां थी. बावजूद इसके सरकार ने अपना वादा पूरा कर दिखाया है. जानकार इस तरफ भी ध्यान दिला रहे हैं कि इससे कर्ज के बोझ तले दबे हिमाचल प्रदेश पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है. हिमाचल प्रदेश की कुल जनसंख्या सरकारी कर्मचारियों का चार फीसदी हिस्सा ही है. ऐसे में आर्थिकी पर पड़ने वाले बोझ का खामियाजा पूरे प्रदेश को भुगतना होगा.
क्या हैं कांग्रेस की 10 गारंटियां?
1. पुरानी पेंशन स्कीम होगी बहाल.
2. महिलाओं को मिलेंगे हर महीने 1500 रुपए.
3. महंगाई की मार होगी कम, 300 यूनिट बिजली फ्री देंगे हम.
4. युवाओं को पांच लाख रोजगार.
5. बागवान तय करेंगे फलों की कीमत.
6. युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपए का स्टार्ट-अप फंड.
7. मोबाइल क्लीनिक से होगा हर गांव में मुफ्त इलाज.
8. हर विधानसभा में खुलेंगे चार अंग्रेजी मीडियम स्कूल.
9. गाय-भैंस पालकों से हर दिन 10 लीटर दूध खरीदेंगे.
10. दो रुपये किलो में गोबर खरीदेंगे.
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