Himachal News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla) का नाम विश्व पटल पर चमकता है. शिमला की पहचान अपने इतिहास, पर्यटन, स्मार्टनेस और लोगों की सादगी को लेकर है. वहीं इन दिनों हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर बाहरी राज्य से आए कारोबारियों ने स्टॉल लगाए हुए हैं. इन्हें इसकी अनुमति जिला प्रशासन से मिली हुई है. बाहरी कारोबारियों के शिमला में स्टॉल लगाने से जहां एक ओर स्थानीय कारोबारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है. वहीं शिमला की खूबसूरती पर भी दाग लग रहा है.


खतरे में ऐतिहासिक रिज मैदान की गरिमा


इन दिनों ऐतिहासिक रिज मैदान पर जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे नजर आते हैं. वहीं अब बाहरी राज्यों से आए कारोबारी खुले में नहाकर अपने कपड़े भी रिज मैदान पर ही सुखा रहे हैं. सोशल मीडिया पर यह तस्वीरें वायरल हैं और लोग इनका जमकर विरोध कर रहे हैं. एक यूजर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, 'अब शिमला स्मार्ट सिटी में यही देखना बाकी रह गया था.' एक अन्य यूजर ने लिखा कि, 'शिमला का ऐतिहासिक महत्व है और इसकी गरिमा को बचा कर रखा जाना चाहिए.' यही नहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स यह भी पूछ रहे हैं कि, आखिर यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन है? कुछ यूजर्स ने जिला प्रशासन पर शिमला की खूबसूरती पर दाग लगाने के आरोप लगाए.


https://twitter.com/DobhalAnkush/status/1675379205331386368?t=OAxFUdIVO0lkRkGPLmuoNg&s=19


महान विभूतियों का भी हो रहा अपमान


जिला प्रशासन ने प्रदर्शनी के नाम पर शिमला के पदमदेव कॉम्प्लेक्स के टेरेस पर बड़े-बड़े तंबू गाड़े हुए हैं. इसी जगह पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा है. यहीं बड़े-बड़े स्टॉल लगाए गए हैं. स्टॉल पर खरीदारी करने के लिए आने वाले लोग जब यहां खाने का कोई सामान खरीदते हैं, तो कूड़ा इन्हीं प्रतिमाओं के आगे फेंक रहे हैं. इससे न केवल गंदगी का अंबार लग रहा है, बल्कि देश की महान विभूतियों का भी अपमान हो रहा है. चंद रुपयों की कमाई के लिए शिमला शहर के बाजारीकरण का लोग जमकर विरोध कर रहे हैं.


वहीं, जब एबीपी न्यूज़ ने इस बारे में जिला प्रशासन से संपर्क करना चाहा तो उनसे बात नहीं हो सकी. हालांकि, कांग्रेस के मनोनीत पार्षद अश्वनी सूद ने इसका विरोध किया है. उन्होंने कहा कि, रिज मैदान पर इस तरह की गतिविधियां बर्दाश्त नहीं होंगी. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले कारोबारियों की वजह से यहां स्थानीय लोगों का कारोबार चौपट हो रहा है.




ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh: बाल सत्र में 'वित्त मंत्री' बन विपक्ष को तर्कों से किया था चित्त! जानिए- कौन हैं फैजान?