Himachal Pradesh News: हिमाचल की एक राज्यसभा सीट के चुनाव नतीजे ने कांग्रेस में कलह की बारूद को चिंगारी दे दी. कांग्रेस के छह बागी विधायक पंचकूला के ललित होटल में रुके हुए हैं, जहां बीजेपी की सरकार है. बीजेपी ने दावा किया कि सरकार अल्पमत में हैं तो वहीं इस दावे को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने दावा किया कि हमारी सरकार पांच सालों का कार्यकाल पूरा करेगी. बागी विधायकों पर उन्होंने कहा कि हम माफ करने वाले लोग हैं. बदले की भावना से काम नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि सभी हमारे छोटे भाई की तरह हैं.
इस बीच सूत्रों ने बताया कि विधायकों की नाराजगी के बाद हिमाचल में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) को हटाकर मुकेश अग्निहोत्री को राज्य की कमान सौंपी जा सकती है जबकि विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) डिप्टी बन सकते हैं. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी को कांग्रेस में दो फाड़ का इंतजार है ताकि वह दोबारा सत्ता में वापसी कर सके.
सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा
विधानसभा सीट की कुल संख्या 68 है. बहुमत के लिए 35 विधायकों का साथ चाहिए. कांग्रेस के छह बागी को अगर निष्कासित कर दिया जाए तो बहुमत के लिए 32 का आंकड़ा चाहिए और कांग्रेस के पास फिलहाल 34 विधायक हैं. वहीं, बीजेपी के अपने और निर्दलीय मिलाकर 28 विधायक हैं.
किस हालात में बचेगी कांग्रेस की सरकार?
अगर विक्रमादित्य और छह बागी विधायक पाला बदल लें तो कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी. वहीं, विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस बड़ा ओहदा दे दे तो कांग्रेस की सरकार बच सकती है जबकि बागियों को कांगेस मना ले तो भी कांग्रेस की सरकार बनी रहेगी. एक विकल्प ये भी है कि अगर यथास्थिति बनी रहे तो कांग्रेस की सरकार बचा सकती है. हालांकि, जब विक्रमादित्य सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी में जाने की अभी कोई बात नहीं है.
ये हैं कांग्रेस के बागी विधायक
कांग्रेस के जिन बागियों ने बीजेपी के लिए वोट किया है उनमें धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, कुटलेहर से देवेंद्र भुट्टो, गगरेट से चैतन्य शर्मा, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल का नाम शामिल है.
विक्रमादित्य के इस्तीफे की वजह
विक्रमादित्य सिंह ने राज्यसभा चुनाव के नतीजे आने के अगले दिन इस्तीफा दे दिया और बड़े आरोप भी लगाए. विक्रमादित्य ने कहा कि मंत्री रहते हुए उनका अपमान किया गया. विधायकों की मांग अनसुनी की गई.
हिमाचल में सियासी हलचल क्यों?
राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए हिमाचल में चुनाव कराए गए. इसमें कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशियों को 34-34 वोट मिले. इसके बाद पर्ची के जरिए फैसला कराया गया जिसमें बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन को जीत हासिल हुई. इसी वजह से हिमाचल में हंगामा मचा हुआ है.
हिमाचल विधानसभा में क्या हुआ?
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को फाइनेंस बिल पर वोटिंग होनी थी. इस दौरान स्पीकर ने बीजेपी के 15 विधायकों को निलंबित कर दिया. ये विधायक वेल में हंगामा कर रहे थे. मार्शल ने बीजेपी के विधायकों को बाहर निकाल दिया और फिर राज्य का बजट पास किया गया. बजट ध्वनि मत से पारित हुआ.
कांग्रेस की क्षमता पर उठे सवाल?
वहीं, कांग्रेस की क्षमता को लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए हैं. जैसे कि क्या हिमाचल प्रदेश में गुटबाजी की खबर नहीं थी? क्या गुटबाजी के खबर के बाद भी आलाकमान सोती रही? क्या सोनिया गांधी को पहले हिमाचल से राज्यसभा जाना था? सोनिया गांधी को हिमाचल से राजस्थान क्यों शिफ्ट किया? बीजेपी ने उम्मीदवार उतारे तभी एक्टिव क्यों नहीं हुई कांग्रेस? ऐसे तमाम सवाल हैं जो राज्यसभा चुनाव के नतीजे के बाद उभरकर सामने आ गए हैं.
अल्पमत में भी बीजेपी ने क्यों उतारा कैंडिडेट?
सवाल यह भी है कि बीजेपी के विधायकों की संख्या केवल 25 ही थी, वह अल्पमत में थी फिर भी उसने कैंडिडेट उतारा तो क्या बीजेपी ने पहले से ही कांग्रेस में तोड़फोड़ की प्लानिंग कर ली थी?सवाल यह भी हैं कि चुनाव से पहले ही बीजेपी कैसे अपनी जीत का दावा कर रही थी? आखिर बीजेपी को कैसे राज्यसभा में अपनी जीत का भरोसा था? और साथ ही यह कि हर्ष महाजन ने नतीजों से पहले क्यों कहा जीतेंगे और सरकार भी बनाएंगे? कांग्रेस की क्षमता के साथ ही बीजेपी की मंशा को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
सीएम सुक्खू पर क्यों उठ रहे सवाल?
राज्य में सीएम सुक्खू की नेतृत्व क्षमता भी सवालों के घेरे में हैं. जैसे कि अगर कांग्रेस के छह विधायक बागी हो गए तो क्या सीएम सुक्खू को इसकी खबर नहीं थी? 6 विधायक पंचकूला गए लेकिन सुक्खू सरकार उन्हें रोक नहीं पाई. 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की लेकिन सीएम सुक्खू ने ऐसी नौबत क्यों आने दी? सवाल यह भी है कि जब 6 विधायक के सुर बागी हुए तो दिल्ली में आलाकमान क्यों चुप रही?
सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने भेजे पर्यवेक्षक
हिमाचल में सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने दो पर्यवेक्षक भेजे हैं. कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाण के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मोर्चा संभाला है. विधायक सीएम सुक्खू से इस्तीफा मांग रहे हैं तो वहीं नाराज विधायकों से पर्यवेक्षकों ने बात की है. इस पूरे मामले पर दिल्ली में आलाकमान भी एक्टिव है.
सुक्खू नहीं तो फिर कौन होगा सीएम?
अब सवाल यह है कि अगर सीएम सुक्खू नहीं तो फिर किसे सीएम बनाया जाएगा? ऐसे में मुकेश अग्निहोत्री का नाम सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि अग्निहोत्री को सीएम और विक्रमादित्य सिंह को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. विक्रमादित्य सिंह का शिमला रीजन में दबदबा माना जाता है.
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