Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को कांग्रेस के छह बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी. स्पीकर ने व्हिप का उल्लघंन करने पर छह विधायकों की सदस्यता रद्द की है. संसदीय कार्य मंत्री और मुख्य सचेतक हर्षवर्धन चौहान की ओर से दायर की गई याचिका के बाद स्पीकर ने यह फैसला सुनाया है. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक हर्षवर्धन चौहान ने बजट पर लाए गए कट मोशन के लिए व्हिप जारी कर सभी विधायकों को मौजूद रहने के लिए कहा था, लेकिन यह विधायक इससे नदारद थे.
इसके बाद जब बजट पास करने के लिए व्हिप जारी हुआ, तो इसमें भी इन छह विधायक अनुपस्थित पाए गए. इस आधार पर सभी छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. यह विधायक अब विधानसभा के सदस्य नहीं रहे हैं. यहां यह बताना जरूरी है कि उनकी सदस्यता राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के लिए रद्द नहीं की गई है. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के लिए व्हिप जारी नहीं किया जा सकता.
कुलदीप सिंह पठान ने दिया 30 पन्नों का फैसला
संसदीय कार्य मंत्री की ओर से दायर की गई याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 30 पन्नों का फैसला सुनाया है. कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि बागी विधायकों की ओर से जो वकील सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए, वह बार-बार समय देने की बात कहते रहे थे. उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड का हिस्सा है और इस मामले में देरी नहीं की जा सकती.
व्हिप में बागी विधायकों के साइन
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के लिए जो व्हिप जारी किया गया था, उसमें भी इन सभी विधायकों के सिग्नेचर थे. ऐसे में समय देने का सवाल नहीं उठता. उन्होंने कहा कि मंगलवार को भी जब सदन स्थगित हुआ तो विधायक सदन में आकर बैठे, लेकिन कार्यवाही के दौरान मौजूद नहीं रहे. कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि उन्होंने नियमों के तहत यह फैसला लिया है. यह सभी विधायक दल बदल कानून के तहत दोषी पाए गए. अयोग्य घोषित किए गए इन विधायकों के सामने अब कोर्ट में फैसले को चैलेंज करने का रास्ता खुला हुआ है.
व्हिप का उल्लंघन करने पर गई सदस्यता
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि दल बदल कानून को इसलिए बनाया गया है, ताकि विधायकों की खरीद फरोख्त न हो. उन्होंने कहा कि वह आने वाले समय में इस मामले को लेकर बड़ी-बड़ी बातें भी बताएंगे. हालांकि उन्होंने खरीद फरोख्त को लेकर पूछे गए सवाल पर कुछ भी कहने से इनकार किया. पठानिया ने कहा कि वह सिर्फ यह बताना चाहते हैं कि इस कानून की अहमियत क्या है. उन्होंने कहा कि इन विधायकों ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीता और जनता ने इन पर विश्वास किया. ऐसे में अब इन्होंने अब पार्टी के व्हिप का उल्लंघन कर दल बदल कानून की अवहेलना की.