Himachal Political Crisis: हिमाचल राज्यसभा चुनाव के बाद प्रदेश का सियासी माहौल बदला हुआ नजर आ रहा है. बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन की जीत से जहां बीजेपी उत्साहित है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार घिरी हुई नजर आ रही है. इसी बीच पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता का जयराम ठाकुर ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात से पहले कहा कि वो सरकार बनाने का दावा पेश करने नहीं बल्कि राजपाल से विधानसभा में जो कुछ हुआ उसे अवगत कराने जा रहे है.


‘सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है’
जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि हमने वित्तीय विधेयक पर मतदान के दौरान विभाजन की मांग की, इसकी अनुमति नहीं दी गई. सदन को दो बार स्थगित किया गया. यह सही नहीं है. हिमाचल प्रदेश में ऐसा कभी नहीं हुआ. सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है. आने वाले समय में हिमाचल विधानसभा नियमों के मुताबिक चले जिस तरह से विपक्ष के साथ विधानसभा में विपक्ष के साथ व्यवहार हो रहा है. इस राज्यपाल की तरफ से स्पीकर को आग्रह किया जाए कि विधानसभा में नियमों के अनुसार सभी विधायक चले. ताकि विपक्ष भी अपनी बात को ठीक प्रकार से रख सके. 


‘सुक्खू सरकार गिरने का दावा’
वहीं राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से जीत दर्ज करने वाले हर्ष महाजन ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि अब सूक्खू सरकार गिरने वाली है. आपको बता दें कि चुनाव से पहले जहां कांग्रेस की एकतरफा जीत नजर आ रही थी. मतदान के बाद कांग्रेस का सारा सियासी समीकरण बिगड़ गया. 6 कांग्रेस विधायकों की  क्रॉस वोटिंग ने सारा खेल बदल दिया. बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन को भी 34 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी को भी 34 ही वोट मिल पाए. जिसके बाद ड्रॉ ऑफ लॉट्स के तहत पर्ची निकाली गई इसमें हर्ष महाजन विजेता घोषित हुए. 


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