Himachal Pradesh: अपनों को छोड़ना BJP को पड़ा महंगा, आखिर क्यों बागी हुए थे केएल ठाकुर?
Himachal Politics: नालागढ़ में बीजेपी से बागी होकर चुनाव जीतने वाले केएल ठाकुर अब विधानसभा में कांग्रेस की सरकार को समर्थन दे रहे हैं. सीएम सुक्खू ने जीत के तुरंत बाद बतौर अतिथि उन्हें सम्मान दिया.
Himachal Pradesh News: साल 2022 का हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प रहा. यहां कई बागियों ने चुनाव लड़कर बीजेपी के मिशन रिपीट के सपनों पर पानी फेर दिया. इस विधानसभा चुनाव में जिला सोलन की नालागढ़ सीट पर भी बीजेपी के बागी ने पार्टी का खेल बिगाड़ दिया. बीजेपी ने अपने पुराने उम्मीदवार को छोड़ कांग्रेस से बीजेपी में आए लखविंदर राणा को अपना उम्मीदवार बनाया था, तो केएल ठाकुर (KL Thakur) ने बागी होकर चुनाव लड़ा.
केएल ठाकुर ने न केवल मजबूती से चुनाव लड़ा, बल्कि बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार को पूरी तरह शिकस्त भी दे दी. कांग्रेस ने जीत के बाद केएल ठाकुर को पार्टी में लाने में जरा भी देर नहीं की. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जीत के तुरंत बाद केएल ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में बतौर अतिथि पूरा सम्मान भी दिया.
नालागढ़ में बीजेपी से बागी होकर चुनाव जीतने वाले केएल ठाकुर अब विधानसभा में कांग्रेस की सरकार को समर्थन दे रहे हैं. नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर का कहना है कि वे सिर्फ अपने इलाके की जनता से प्रेम करते हैं. उन्होंने कहा कि वो अपने इलाके के विकास के लिए ही कांग्रेस पार्टी को समर्थन दे रहे हैं.
क्या बीजेपी ने नहीं रखा मान?
इससे पहले सितंबर के महीने में तत्कालीन जयराम सरकार में चल रहे कार्यक्रम के दौरान नालागढ़ में केएल ठाकुर को रैली में धक्के लगते रहे. तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर स्वर्णिम हिमाचल के तहत कार्यक्रम कर रहे थे. जब यह तस्वीर सामने आई, तो ठाकुर के समर्थकों को खासी पीड़ा हुई. इससे भी ज्यादा पीड़ादायक यह था कि कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए लखविंदर सिंह राणा तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ गाड़ी में सवार थे.
इतना ही नहीं जब मंच पर केएल ठाकुर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ खड़ा होना चाहा, तो जयराम ठाकुर ने उन्हें अपने साथ से हटाकर सीट पर जाने के लिए कहा. जब वे नहीं माने, तो जयराम ठाकुर ने उन्हें फिर वहां से हटने के लिए कहा और जयराम ठाकुर के सुरक्षाकर्मियों ने भी केएल को सीट पर बैठा दिया.
क्यों बागी हुए थे KL ठाकुर?
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में केएल ठाकुर ने पहली बार नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद पार्टी में साल 2017 में उन्हें एक बार फिर मौका दिया, लेकिन वह कांग्रेस के लखविंदर राणा से हार गए. साल 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लखविंदर राणा ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी ने केएल ठाकुर की जगह लखविंदर राणा को ही टिकट थमा दिया.
ऐसे में केएल ठाकुर ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा. केएल ठाकुर के समर्थन में बीजेपी नालागढ़ मंडल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी इस्तीफा दिया. नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में यहां बीजेपी से लखविंदर राणा और कांग्रेस से हरदीप बावा को केएल ठाकुर ने मात दे दी.
राणा को टिकट देने के संकेत पहले मिल गये थे
22 सितंबर 2022 को ही नालागढ़ में आयोजित एक विशाल रैली जनसभा के दौरान ही लखविंदर राणा को टिकट मिलने के संकेत मिल चुके थे. यहां पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के रोड शो के दौरान उनकी गाड़ी में कांग्रेस से बीजेपी में आए लखविंदर राणा को जगह दी गई, जबकि केएल ठाकुर भीड़ में धक्के खाते रहे. इसके बाद केएल ठाकुर जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के संबोधन के दौरान के उनके साथ खड़ा होना चाहा, तो मुख्यमंत्री जयराम ने उन्हें वहां से हटाकर बैठने के लिए कहा.
उस समय ही राजनीतिक पंडितों ने यह आंकलन कर लिया था कि नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी केएल ठाकुर की जगह लखविंदर राणा को मैदान में उतारेगी. केएल ठाकुर की टिकट काटकर लखविंदर राणा को पार्टी प्रत्याशी बनाना बीजेपी के लिए एक बड़ी गलती साबित हुई. केएल ठाकुर ने अपने समर्थकों और जनता के प्यार के साथ नालागढ़ का किला फतह कर लिया.