BJP को 'प्राइवेट लिमिटेड' बताना पूर्व MLA को पड़ सकता है भारी, पार्टी ने मांगा जवाब
जवाहर ठाकुर के मीडिया में इस बयान के बाद हिमाचल बीजेपी के महामंत्री और मंडी संसदीय क्षेत्र के प्रभारी राकेश जमवाल ने यह नोटिस जारी किया है.
Notice to Jawahar Thakur: भारतीय जनता पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बताने वाले पूर्व विधायक को पार्टी आलाकमान ने नोटिस जारी कर दिया है. बीजेपी के पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने आलाकमान के खिलाफ मीडिया में बयान दिया था. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान न केवल बीजेपी को प्राइवेट लिमिटेड पार्टी करार दिया बल्कि उपचुनाव से मिली हार के बाद कोई सीखना ले पाने का भी आरोप लगाया.
सात दिन में मांगा जवाब
जवाहर ठाकुर के मीडिया में इस बयान के बाद हिमाचल बीजेपी के महामंत्री और मंडी संसदीय क्षेत्र के प्रभारी राकेश जमवाल ने यह नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि जवाहर ठाकुर ने मीडिया में जो बयानबाजी की, उससे पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है. यह पार्टी अनुशासनहीनता का गंभीर मामला है. ऐसे में जवाहर ठाकुर से पार्टी ने सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण पत्र मांगा है. अगर जवाहर ठाकुर सात दिन के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी बीजेपी
हिमाचल बीजेपी के महामंत्री राकेश जमवाल ने बताया कि पार्टी आलाकमान के साथ विचार-विमर्श के बाद यह नोटिस सौंपा गया है. उन्हें ई-मेल और व्हाट्सएप के जरिए नोटिस पहुंचा दिया गया है. संतोषजनक जवाब न मिलने की स्थिति में पार्टी उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में जवाहर ठाकुर के स्थान पर पूर्ण चंद ठाकुर को पार्टी ने टिकट दिया. पूर्ण चंद्र ठाकुर कांग्रेस के कद्दावर नेता कौल सिंह ठाकुर के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण ठाकुर को अपना उम्मीदवार बना लिया. इसके बाद पूर्ण ठाकुर ने कौल सिंह ठाकुर को चुनाव हराकर जीत भी हासिल कर ली.
अपनी ही पार्टी की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल
ऐसे में जवाहर ठाकुर ने सवाल खड़े करते हुए कहा था कि पार्टी ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया, जो बीजेपी की विचारधारा से ही नहीं जुड़ा हुआ था. इसी नाराजगी के चलते जवाहर ठाकुर ने बीजेपी को प्राइवेट लिमिटेड पार्टी करार दिया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि उपचुनाव में मिली हार के दौरान बीजेपी को समझना चाहिए था, लेकिन पार्टी ने से कोई सीखी नहीं ली. इसका खामियाजा बीजेपी को विधानसभा चुनाव में हार के रूप में भुगतना पड़ा.