Himachal Pradesh News: सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए युवा अपनी लगभग पूरी जवानी ही लगा देते हैं. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सरकारी नौकरी पाने की दीवानगी कई गुना ज्यादा है. क्योंकि यहां निजी क्षेत्रों में रोजगार कम है. सरकारी क्षेत्र में रोजगार की सुरक्षा को देखते हुए युवा इससे और ज्यादा आकर्षित रहते हैं, लेकिन बीते कुछ वक्त से हिमाचल प्रदेश में भर्ती में धांधली की खबरें बेहद आम हो गई हैं.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने सत्ता पर काबिज होते ही नकल माफिया पर सख्ती करने का कड़ा संदेश दिया और हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन बोर्ड को भंग कर दिया. इसके बाद युवाओं को उम्मीद थी कि नई सरकार नई राह खोलेगी, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा. हिमाचल प्रदेश में सरकार तो बदली, लेकिन युवाओं के हालात नहीं. हिमाचल प्रदेश के युवा अब भी रोजगार के लिए दर-दर ठोकरें खा रहे हैं.
घर छोड़ शिमला में डालना पड़ा है डेरा
प्रदेश में कई भर्ती प्रक्रिया के परिणाम लंबित पड़े हैं और कई ऐसे भी परिणाम हैं, जो मामला कोर्ट में होने की वजह से नहीं आ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश सचिवालय क्लर्क पोस्ट कोड 962 के अभ्यर्थी भी बीते कई दिनों से लगातार शिमला के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं. शिमला के महंगे कमरे और महंगे खाने का बोझ उठाकर युवा राज्य सचिवालय के चक्कर काट रहे हैं. कभी मुख्यमंत्री, कभी मंत्री, कभी विधायक, तो कभी अधिकारियों से मुलाकात कर रिजल्ट घोषित करने की अपील की जा रही है.
आखिर क्यों परिणाम घोषित नहीं कर रही सरकार?
पोस्ट कोड 962 सचिवालय क्लर्क की भर्ती मई 2022 में आई थी. सितंबर 2022 में इसकी लिखित परीक्षा हुई. इसके बाद नवंबर महीने में टाइपिंग टेस्ट के बाद दिसंबर में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का काम भी पूरा हो गया. यहां तक सब वंदे भारत ट्रेन की रफ्तार से चल रहा था, तभी प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता में आते ही हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया. इसके बाद बोर्ड की सारी जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को सौंप दी गई.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में 60 फीसदी से ज्यादा पेपर लीक होते रहे. ऐसे में इस बोर्ड से भर्तियों को आगे नहीं बढ़ा सकता. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि परीक्षा परिणामों में कोर्ट के मामले नहीं हैं, उनके परिणाम जल्द से जल्द घोषित कर दिए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, पोस्ट कोड 962 की परीक्षा में अब तक किसी भी अभ्यर्थी की पेपर खरीदने में संलिप्तता नहीं मिली है.
रोजगार की तलाश में भटक रहे युवा परेशान
पोस्ट कोड 962 सेक्टरेट क्लर्क के अभ्यर्थी निखिल शर्मा का कहना है कि वो कई बार मुख्यमंत्री और मंत्री से मुलाकात कर चुके हैं. बार-बार सिर्फ परिणाम घोषित किए जाने का आश्वासन मिलता है, लेकिन परिणाम घोषित ही नहीं होते. शिमला के महंगे खाने और रहने का दबाव भी लगातार घरवालों पर पड़ रहा है. घरवाले भी अब उनका साथ देने में आनाकानी करते हैं. जीवन के कई साल सरकारी नौकरी में भर्ती होने के लिए निकाल दिए, लेकिन पूरी प्रक्रिया पार करने के बाद अब परिणाम ही घोषित नहीं हो रहे हैं.
मुलाकात में सिर्फ मिल रहा आश्वासन
निखिल शर्मा का कहना है कि बीते छह महीने से अभ्यर्थी लगातार मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ मिलता ही नहीं. उन्होंने कहा कि वह खुद को अब असहाय महसूस करते हैं और मानसिक दबाव में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की है कि जल्द से जल्द पोस्ट कोड 962 सचिवालय क्लर्क के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएं, ताकि उन्हें रोजगार मिले जिसके वो हकदार हैं.
उन्होंने कहा कि युवाओं ने पिछली सरकार को भी इसी वजह से बदल दिया, क्योंकि सरकार भर्ती प्रक्रिया में देरी कर रही थी. प्रदेश में हर पेपर लीक हो रहा था. युवाओं ने भरोसे के साथ सत्ता में कांग्रेस को बिठाया है. अब कांग्रेस को युवाओं के साथ वादाखिलाफी नहीं करनी चाहिए.